राजा की समझदारी एक दिन एक किसान अपने खेत के लिए पानी की तलाश कर रहा था, तभी उसने अपने पड़ोसी से एक कुआँ खरीदा। हालांकि पड़ोसी बहुत चालाक था। अगले दिन जैसे ही किसान अपने कुएँ से पानी
शुभ प्रभात कितना अपनापन लिए लगती थी प्रातः काल की वह बेला, जब सूर्योदय से पूर्व ही नित्य मेहरू का सुदूर गाँव से शुभ प्रभात सन्देश सु
तालियाँइस समय विद्यालय में गणतन्त्र दिवस समारोह के लिए सभी बच्चे और शिक्षक बड़े जोर-शोर से तैयारी में लगे थे। घर जाकर सभी अपने-अपने रोल का रिहर्सल करते थे। कोई बच्चा राजा, कोई अनपढ़, कोई सिपाही, कोई ज
पेड़ पौधेएक बार दीपक नाम का लड़का किसी जंगल में गायों को चराने के लिए गाँव के अन्य लोगों के साथ गया। उस समय उसके माता-पिता कहीं बाहर गये थे। घर पर बूढ़े दादा-दादी ही थे, इसलिए गायों को चराना जरुरी था।
बहुत जरूरीआज खुशी के परिवार में बेहद ही खुशी का माहौल था। उसकी माँ तो फूले न समा रही थी। वह विद्यालय आकर सभी शिक्षकों से मिलकर उनके द्वारा किये गए सहयोग के लिए नतमस्तक हो आभार व्यक्त कर रही थी, क्योंक
सबका दुलारा अनीश -अनीश सुबह छः बजे उठता है। सभी बड़ों को नमो नमः करता है। साधारणतः वह रोज पाठशाला जाता है। सवेरे नाश्ता कर पढ़ने बैठ जाता है।पाठ याद करने के लिए वह उसे दोहरा कर पढ़ता है। धीरे - धीरे उसे
जंगल की पाठशालाएक दिन शेर सिंह अपने जंगल में घूमने निकले। घूमते - घामते एक पेड़ पर टंगी एक तख्ती देखी। रुक गए। जोर से दहाड़ा। उनकी दहाड़ सुन चुन्नू चूहा अपने बिल से निकला। शेर सिंह को देखा तो हाथ जोड़कर ख
कहानी -एक थी मैना। पंख फैलाकर उड़ती थी तथा मीठे गीत सुनाती थी। एक दिन वह मीना की टाट वाली झोपड़ी के घर पर बैठी थी। एक बदमाश लड़का उसे पकड़ने की तैयारी में जुटा। राह से जाने वाले कैलाश ने उसे देख लिया।कैल
हंस और हंसिनी एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये। हंसिनी ने हंस को कहा कि 'ये किस उजड़
सोनल परी एक परी थी। उसका नाम सोनल था। वह बहुत सुंदर थी। उसके पास एक जादुई छड़ी थी। उस छड़ी से सोनल परी मनचाहा काम कर सकती थी। सोनल परी को बच्चे बहुत अच्छे लगते थे। वह बच्चो के साथ खेल
तोता और मैना की कहानीएक बार की बात है । एक जंगल में बड़े से पीपल के पेड़ पर एक तोता और मैना ने अपना बसेरा बना रखा था । हाल ही में बारिश का मौसम खत्म हो चुका था । कई जगह - जगह रास्तों, खेत - खलिहान, ता
लोमड़ी और मुर्गी की मजेदार कहानीएक बार एक जंगल में एक मुर्गी और लोमड़ी कहीं बाहर भोजन की तलाश में जा रही थीं । उन दोनों में गहरी दोस्ती थी । मुर्गी पेड़ पर चढ़ जाती और जैसे ही उसे लोमड़ी के अनुरूप कोई
बन्दर को मोबाइल की लतएक बार की बात है। एक बरगद के बड़े से पेड़ पर बन्दर अपने परिवार समेत रहता था। माता - पिता, पत्नी और चार छोटे बच्चे। इधर बन्दर और बन्दरिया, छोटे बन्दर को लेकर खाने - पीने के इन्तज़ाम
ईमानदार खरगोशएक समय की बात है, खरगोश नौकरी की तलाश में था। उसने फैसला कर लिया कि वह मेहनत की कमाई ही खायेगा, पर नौकरी मिलना आसान काम नहीं था। वह इधर - उधर भटकता रहा लेकिन उसे कहीं काम नहीं मिला। फिर भ
1. खिलौना वालाएक खिलौने वाला ने अपने बेटे को खिलौना बनाने की कला सिखाने का निश्चय किया। वह बड़ा होकर खिलौने वाला ही बना। दोनों अब साथ में अपने खिलौनें बेचने बाजार जाते। पिताजी के खिलौने डेढ़ - द
ऊंट और गीदड़ एक जंगल में ऊंट और गीदड़ रहते थे। वे पक्के मित्र थे। ऊंट सीधा - सादा तथा गीदड़ बहुत दुष्ट था। गीदड़ ने कहा, "कि पास में एक मीठे गन्ने का खेत है, आओ गन्ने खाने चलें।" ऊंट बोला, "अगर खेत के
लोमड़ी और कौवाएक समय एक लड़का पनीर खा रहा था, कि एक कौवा उड़कर कहीं से आया और लड़के के हाथ से पनीर का टुकड़ा झपट कर तेजी से एक वृक्ष के ऊपर जा बैठा, और मजे से पनीर खाने लगा। तभी एक लोमड़ी उधर से गुजरी
दो पड़ोसीएक गांव में दो पड़ोसी थे। दोनों में गहरी दोस्ती भी थी। दोनों के पास अपने - अपने बागान थे और वे उनमें तरह - तरह के फलों के पौधे उगाते थे। यही बागान उनकी जीविका के साधन थे। उनमें से एक पड़ोसी ब
10 संचारी रोगदस एकम दस, संचारी रोग रोको बस।दस दूनी बीस, मलेरिया, चेचक इसमें शामिल।।दस तिया तीस, डेंगू, डायरिया आते सामूहिक।दस चौक चालीस, सफाई रखो खालिस ।।दस पंचे पचास, रोकथाम का करो प्रयास।दस छंग साठ,
09 आत्मविश्वासनौ एकम नौ, खुद पर भरोसा करो।नौ दूनी अट्ठारह, इरादा मज़बूत हमारा ।।नौ तिया सत्ताईस, हिचको नहीं भाई।नौ चौक छत्तीस, सफलता हो सुनिश्चित ।।नौ पंजे पैंतालीस, सब होते प्रभावित।नौ छंग चौबन, सफल