इस पुस्तक में मैंने अपने अनुभवों के आधार पर कुछ कविताओं एवं शेर ओ शायरियो के माध्यम से प्यार पैसा और परिवार के बिच का समबन्ध बताने का प्रयाश किया हे ! आज के युवाओ को समझना होगा की प्यार पैसा और परिवार तीनो ही जीवन के अभिन्न अंग हे परन्तु इन तीनो में सामंजस्य बना कर चलने का तरीका भी आना चाहिए ! और ये सब हम सिख सकते हे अपने अनुभवों से ! समाज से ,दुसरो की सिख से , इन कविताओं और शेर ओ शायरियों का किसी व्यक्ति विशेष से कोई ताल्लुक नहीं हे ,यदि ऐसा होता हे तो यह एक संयोग मात्र होगा ! पसंद आये तो अपने दोस्तों को भी पढ़ने को कहैं ! धन्यवाद
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