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नया नया

30 दिसम्बर 2017

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नई सुबह है, नया धुंध है, सब कुछ नया नया है. महक नई है, चहक नई है, बगिया नई नई है. नई चेतना, नई वेदना, कलरव नया नया है. कूक नई है, हूक नई है, करुणा, दया नई है. शाम नई है, रात नई है, तारों की बारात नई है. नया चांद है, नई चांदनी, जुगनू नया नया है. नया भाव है, नई भावना, प्राची का श्रृंगार नया है. नया होश है, नया रोश है, महिमा, गरिमा नया नया है नवपल का स्वागत करने को सबकी सोच नई है, ऐसा जोश भरा जीवन में जीना नया नया है. मंगलकामना, पंकज

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मैं अक्षरों कोबटोरने में लगा हूं-कुछ शब्द,बने हुए मिल जाएंगे,कुछ, मैं बना लूंगा.उन्हें कहीं भी उकेड़ूंगा-कुछ कहने लगेंगे,और,उन्हें पढ़नेवालेकुछ समझने लगेंगे.मगर,यह जरूरी तो नहीं-मेरे संयोजनों की संवेदनाएंहूबहू परिभाषित हों.बेहतर है-मैं शब्दों के निर्बाधविचरण का हीआनंद लूं.वैसे भी,मझे उनके सामर्थ्य परप

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नया नया

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नई सुबह है, नया धुंध है,सब कुछ नया नया है.महक नई है, चहक नई है,बगिया नई नई है.नई चेतना, नई वेदना,कलरव नया नया है.कूक नई है, हूक नई है,करुणा, दया नई है.शाम नई है, रात नई है,तारों की बारात नई है.नया चांद है, नई चांदनी,जुगनू नया नया है.नया भाव है

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