बैठे बैठे एक गाना याद आ रहा है
को ई
रो को
ना
दीवाने को
दिल मचल रहा
कुछ गाने को
हमें रोकना है इस बदलते हुए जमाने को,
कुछ भी कर रहा अपनी धाक जमाने को.
वायरस बना रहे हैं ये लोगों को डराने को,
राम सा सीना नहीं है लंका को ढहाने को.
पीछे से वार कर रहे हैं हम को दबाने को,
डटकर करें सामना दुश्मन को भगाने को.
आसान कोशिश देश को ऊंचा उठाने को,
कोई नहीं कह रहा खून पसीना बहाने को.
घर पर ही रोक कर रखें दिल दीवाने को,
मोदी जी ने मना किया है बाहर जाने को.