तुम दूर होते हो तो सब कुछ खोया खोया सा लगता है,
खुश रहते हैं हम पर बीता पल रोया रोया सा लगता है.
अगले पल फिर से तरोताजा होने की कोशिश करते हैं,
हर कुछ तुम्हारी खुशबू में पिरोया पिरोया सा लगता है.
रात को नींद आती नहीं,यादें आकर वापस जाती नही,
इंतज़ार करते करते दिन पूरा ढोया ढोया सा लगता है.
जिक्र किसी का भी हो होंठों पर नाम तुम्हारा आता है,
आंखें गहरी,अवलोकन भिगोया भिगोया सा लगता है.
जब तक न आओगे तुम, सुधबुध ये हमारी रहेगी गुम,
दर्शनाभिलाषी हैं पर नसीब सोया सोया सा लगता है.