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एक बूँद ईश्क की...

10 फरवरी 2018

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अगर आपके पर्स से ₹100 गिर जाए। मैं आपकी नजरों से बचकर उसे उठा लेता हूँ तो आप मुझे क्या कहेगें। बूरा आदमी! बिल्कुल सही लेकिन अगर पैसे उठाने के बाद मुझे एहसास हो कि मैंने गलती कि है, चोरी की है और मैं आपके पैसे आपको वापस कर देता हूँ, तो आप मुझे क्या कहेगें बूरा आदमी! विचार कर बताईयेगा। इस कहानी को दो भागों में बाँटा गया है। इस कहानी में तीन किरदार है और तीन किरदार है और तीन ही किरदार है इनके अलावा कहानी में और कोई नही फटकता। 1.मीर खन्ना- क्रिकेटर टन्ड माँडल। फिल्म में काम करने के लिए स्टगल कर रहा है। सात साल पहले इसकी गलफ्रैंड थी इसके बाद कोई और नही...। इसके जीवन में प्यार की कमी.है। 2.केसर राहाते- हाऊस वाईफ। हसबैंड और बच्चे के पास इसके लिए समय नही है। इसके जीवन में प्यार की कमी है। इस कहानी का यह संवाद कहानी को परिभाषित करता है" मैंने तो एक बूँद ईश्क की ख्वाहिश की थी मगर तुमने तो पूरा सैलाब ही मेरी झोली में भर दिया।" हजारों बाँलीवुड की कहानी की तरह इसकी कहानी भी वही है। दो अजनबी मिलते है, दोंनो में दोस्ती होती है। दोनों की दोस्ती गहरी होती है मगर अफसोस प्यार नही होता,सेक्स हो जाता है। केसर को एहसास होता है कि वह अपने पति व परिवार के साथ बेवफाई कर रही है, वह उसे भूलने को कहती है। मगर मीर के सर पर हवस शिकार हो जाता है। वह उसे किसी भी कीमत पर पाना चाहता है। वह उसे ब्लैकमेल कर उसके साथ सेक्स करता है। पहली कहानी यही पर समाप्त.... 3. जाह्ववी सागर- पापा की लाडली। हमेशा बाहर ही रही है। इसके पापा जरूरत से ज्यादा इसे पैसे भेजते थे। वह बूरे लोगों की संगत में पड़कर सारे गलत काम करने लग जाती है- सिगरेट, शराब, ड्ग्स, सेक्स। उसे एक लड़के से प्यार भी होता है लेकिन जब उसे पता चलता है कि उसके कई लड़कियों से संबंघ है तो वह उससे तथा बाकी सभी बूरी चीजों से अलगाव कर लेती है। मगर शराब व बाँयफ्रेड (उत्पल) का नशा नहीं कर पाती। वह अवसाद से घिर जाती है। मीर उसकी जिन्दगी में दोस्त बनकर आता है। उससे मिलकर वह फिर से मुस्कुराने लगती है। वह मीर से हमेशा कहती है' तुम बहुत अच्छे लड़के हो तुम किसी लड़के के साथ गलत नही कर सकते।' जब-जब वह यह कहती है वह प्लैशबैक में चला जाता है कि केसर के साथ उसने क्या गलत किया है। मीर उसे उसके अतीत को भूलाने की तथा उसे खुश रखने की भरपूर कोशिश करता है मगर वह अपने बाँयफ्रैंड के गम में डूबती चली जाती है। उसके दर्द से बचने के लिए वह आत्म- हत्या कर लेती है। उसके जाने के बाद मीर को एहसास होता है कि अपनी ईज्जत बचाने के लिए केसर भी ऐसा कर सकती है। वह उसके सारे फोटो चोरी-छिपे वापस कर देता है। समाप्त....

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एडजस्ट करना जरा...

7 फरवरी 2018
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पति-पत्नी सोने की तैयारी में थे।'तुम्हारे मम्मी-पापा को यहाँ आए काफी दिन हो गये। तुम उन्हें बोल क्यों नही देती वापस चले जाने के लिए। आखिर मेरे मम्मी-पापा कब तक एडजस्ट करते रहेगें।'पति ने शान्त होकर खहा।'तुम अपने कम्पनी वाले को क्यों नही बोलते शहर से दूर एक फ्लेट देने के लिए।आखिर मैं इतनी बड़ी फैंमली

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एक बूँद ईश्क की...

10 फरवरी 2018
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अगर आपके पर्स से ₹100 गिर जाए। मैं आपकी नजरों से बचकर उसे उठा लेता हूँ तो आप मुझे क्या कहेगें। बूरा आदमी! बिल्कुल सही लेकिन अगर पैसे उठाने के बाद मुझे एहसास हो कि मैंने गलती कि है, चोरी की है और मैं आपके पैसे आपको वापस कर देता हूँ, तोआप मुझे क्या कहेगें बूरा आदमी! विचार कर बताईयेगा। इस कहानी को दो भ

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हाथ धोए क्या?

12 फरवरी 2018
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पति- वाह पनीर के पकोडे़, आई लव यूँ बोथ आँफ यूँ!पत्नी- आपने पेपर पढ़ने के बाद हाथ घोए थे क्या?पति- बेबी पेपर से क्या.होता है?पत्नी- बेबी किटाणु तो उसमें भी होते है ना।पत्नी- साबुन से!पति- तुमने अपने हाथ घोए?पत्नी- मैं तो पूरी की पूरी अभी नहाकर निकली हूँ।पति- थैक गोड, तुमने अपने डिफेंस में ये नही कहा क

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लड़की दहेज़ का दावा क्यों नही कर सकती...

24 फरवरी 2018
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लड़की- वीर जी! आप अपने पापा से कहकर दहेज़ की रकम कम नही करवा सकते।लड़का- उनके भी कुछ अरमान है। मेरे पढ़ाई में बचपन से लाखों रूपय खर्च हो चूके है। उसके ही एवज में आपसे दहेज़ के रूप में आपसे कुछ पैसे लिए जा रहे है, और कुछ नही।लड़की- आप तो ऐसे कह रहे है जैसे हमारी पढ़ाई का खर्च सरकार ने उठाया हो। हमारे माता-प

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बघाई हो!

2 मार्च 2018
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जमाने की सारी खुशियाँ उसके पैरों पर न्योछावर कर दी..मगर मेरे पैरों तले जमीन ही खिसक गई जब उसने यह कहा-बघाई हो तुम मामा बनने वाले हो।

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हर नाकामयाब इंसान की सोच

2 मार्च 2018
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शिकायते बहुत थी हमें जमाने से,वरना आज हम भी कामयाब होते।

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होली

9 मार्च 2018
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'सौरव अपने रूम में पढा़ई कर रहा था।उसके सैंमसग 2100 की घंटी बजती है।'सौरव प्रणाम कर रहा हूँ पिताजी।'सौरव ने फोन पर ही पैर छूने का अभिनय किया।'जीते रहो और बताओ कैसी चल रही है पढ़ाई।'उसके पिता ने कड़क आवाज में कहा।'अच्छी हो रही है पिताजी।'सौरव ने अपराघ भाव से कहा।'29 के तो हो गये हो अब और कितनी देर। जल्

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