फेझत तो बड़ी हॉवे लागल हो। सरकार चाहे जेतना कैह लो आर सत्ता पक्ष भी चाहे झुठलाय दो, सच तो यहे लागो कि आदमी सब के बड़ी तफलिक होय रहल हो। हां , ई बात दोसर हो कि कुछ आदमी एकरा हंसके सहे रहलो तो कुछ कुढ़ करके, पर सहे तो दुयो रहल हो। दू दिन से एते एते आदमी के पास पैसा