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ग़ज़ल - साकी के नैन नक्श जैर तो देखो

hindi articles, stories and books related to Gazal - saki ke nain naksh jair to dekho


“गजल” चहलकदमी के नपे पैर तो देखो सुबहो शाम दस्तकी शैर तो देखो गिनते हैं रिश्ते कई पीढ़ियों तक मतलब की दुनिया के खैर तो देखो॥ भरे आए थे खाली होकर चल दिए अपने सरीखे मिले गैर तो देखो॥ मन में रखते हैं सजाए नूर नजर वक्त आने पर उपजे कैर तो देखो॥ जानकर प

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