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गुलज़ार के नाम

hindi articles, stories and books related to Gulzar ke naam


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आई थी मिलने एक बार वक़्त किसी और रफ़्तार में था तो मुलाकात नहीं हुई मायूसी हुई कुछ शिकायत भी पर फिर वक़्त ने निगाहें बदलीं और मैंने सोचा -तुमसे मिलूँ ना मिलूँ लिखूँगी ज़रूर आज लिख रही हूँ ………गीत के बोल तुम्हारे ख्याल इनका नशा है तो सही पर जिस एहसास को मैंने अपनी मटकी में रखना चाहा वह था "प्यारी बेटी बोस

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