“भोजपुरी गीत”कइसे जईबू गोरीछलकत गगरिया, डगरिया में शोर हो गइलकहीं बैठल होइहेंछुपि के साँवरिया, नजरिया में चोर हो गइल...... बरसी गजरा तुहार, भीगी अँचरा लिलार मति कर मन शृंगार, रार कजरा के धारपायल खनकी तेहोइहें गुलजार गोरिया मनन कर घर बार, जनि कर तूँ विहार,कइसे विसरी धनापलखत पहरिया, शहरिया अंजोर हो गइ