कोरोना फैला है सारे संसार मा। गले मिलने की बात छोड़ो हाथ का धप्पा भी न दे किसी भी बात मा। न बस चले न रेल चले, न चले कलकारखाने लोग निकल पड़े है अपने गांव को। सब खो गई उम्मीदे मानव के अंदर की।गली चौक चौबारे खत्म हो गए पब बियर-बार लकड़ी ताश के घेरे। पड़े हुए कोरोना के डर से परदेशी प्रदेश मा। कोरोना फैला