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प्राकृतिक संसाधनों का दोहन

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मनुष्य का जीवन प्राकृतिक संसाधनों के बिना नहीं चल सकता है क्योंकि प्रकृति से प्राप्त हर वस्तु मनुष्य के जीवन के लिए उपयोगी हो।मनुष्य के शरीर का निर्माण जल,वायु,मिट्टी,तांबा,लौहा,पौटेशियम, मैग्नीशियम ज

दिनांक 24नवंबर 2022मेरी खट्टी मीठू डायरीअरे ख़ट्ठी मीठू डायरी मुझे माफ कर दो बहुत काम था तो व्यस्त हो गई पर तुझे भूली नहीं थी काम और बात से फुर्सत ही नहीं मिली तो तुमसे मिलने नहीं आई पर याद तो आती थी न

🎑 🎑  बना मुख्य आहार  🎑🎑🎑🎑🎑  🙏✍️🙏  🎑🎑🎑शिक्षित हुआं परिपूर्ण ,ज्ञान का अभाव है ,तालमेल बना सका ना ,अज्ञानता का प्रभाव है ।प्राकृतिक और जरुरत ,इस बीच हीं बिमारी है ,संसाधन

प्रकृति द्वारा मानवों को निःशुल्क प्रदाय की गयी वस्तुओं को हम प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। इनमें भूमि, मिट्टी, जल, वन, खनिज, समुद्री साधन, जलवायु, वर्षा आदि प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। इन्हें मनुष्य अप

बड़े ही लापरवाही के साथ कर रहे हम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन,जैसे की कोई प्यारे से शरीर से नोचकर ले जाए शरीर की जान आत्मा।।

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प्राकृतिक संसाधन क्या है? वह संसाधन  जो प्रकृति ने दिया है जिसे मानव ने नही बनाया प्राकृतिक संसाधन कहलाता है । पृथ्वी के अन्दर कोयला पेट्रोलियम खनिज सम्पदा सीमित मात्रा में उपलब्ध है ।पृथ्वी के

गतांक से आगे..  भगवान सिंह के बोलने पर ठाकुर साहब उसकी ओर देखते हुए बोले,"बता भगवाने कै बात है क्यूं तावल मचा रहिया है।"भगवान सिंह ने गनपत की हवेली के कागजात ठाकुर के सामने रखते हुए कहा,"पिताजी ज

गतांक से आगे...  "ददू मेरी तो जान ही निकल गई जब मैंने रमा के मुंह से ये बात सुनी।"कनक की आत्मा पत्ते की तरह कांप रही थी वो पगली क्या जानती थी कि अब क्यों कांप रही है अब तो उस जगह पर थी वह जहां उस

गतांक से आगे.…        मां पिता जी के कमरे में दहाड़ती हुई पहुंची मेरा दिल धड़क धड़क कर रहा था बस यही लग रहा था कि मैंने तो कोई ऐसी" खता" भी नहीं की जो मां ऐसा व्यवहार कर रही है पर

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