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आज प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रोकना जरुरी है

24 नवम्बर 2022

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प्रकृति द्वारा मानवों को निःशुल्क प्रदाय की गयी वस्तुओं को हम प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। इनमें भूमि, मिट्टी, जल, वन, खनिज, समुद्री साधन, जलवायु, वर्षा आदि प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। इन्हें मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अपने पुरुषार्थ के बल पर प्राप्त करता है। प्राकृतिक संसाधनों को दो भागों नवीनीकरण और अनवीनीकरण में बांटा गया है। नवीनीकरण के अंतर्गत वे संसाधन आते हैं, जो लगातार उपयोग के बाद भी समाप्त नहीं होते हैं। इसमें  भूमि, वन, जल और मत्स्य आते हैं। जबकि अनवीनीकरण वे संसाधन कहलाते हैं, जो लगातार उपयोग होते रहने से एक दिन समाप्त होने लगते हैं,इनमें खनिज और  खनिज तेल आते हैं।  

आज पृथ्वी पर मानव आबादी बड़ी तेजी से बढ़ रही है। जिसके कारण प्राकृतिक संसाधनों की निरंतर कमी महसूस की जा रही हैं। चूंकि प्रकृति का क्षेत्र सीमित है और आबादी बढ़ने से संसाधनों की कमी महसूस होने पर उसका दोहन तीव्र गति से हो रहा है, जिसके कारण आज खनिज साधन ही नहीं जल और जमीन जैसे नवीकरणीय संसाधनों के लगातर उच्च स्तर पर दोहन होने से उनके लुप्त होने की गंभीर समस्या खड़ी होती जा रही है। विस्फोटक जनसँख्या वृद्धि के कारण आवास, कपड़े और भोजन की पूर्ति के लिए कृषि और वन सम्पदा का अंधाधुंध दोहन होने से प्रकृति सिकुड़ती जा रही है। औद्योगिक क्षेत्र में  खनिजों के बड़े पैमाने पर दोहन बढ़ने से गैस, तांबा और जस्ता जैसे खनिजों की उपलब्धता की कमी में निरंतर गंभीर चिंताजनक स्थिति बनती जा रही है। अनुमान है कि वर्तमान सदी के दौरान एल्युमीनियम, कोयला और लोहे में सामान में भारी गिरावट आएगी।  तेल जो कि आज की वैश्विक औद्योगिक अर्थव्यवस्था के लिए मूलभूत आवश्यकता है, उसके भी जल्द ही समाप्त होने का अनुमान लगाया जा है।   

वर्तमान समय में  विकास के नाम पर प्रकृति का बेहिसाब दोहन किया जा रहा है, जिससे इन संसाधनों के स्रोत समाप्त होते जाने से कई तरह के प्रदूषण और उससे जनित बीमारियों में वृद्धि के साथ ही सूखा पड़ने, बाढ़ की स्थिति, मरुस्थलों का विस्तार, प्राकृतिक असन्तुलन जैसी विभिन्न समस्याएँ भी अपने पैर पसार रही हैं। प्राकृतिक संसाधनों के अविवेकपूर्ण विदोहन का परिणाम कितना गम्भीर है, इसे मौसम के उलट-फेर और आपदाओं की संख्या में वृद्धि से स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है। इसके प्रत्यक्ष उदाहरण वर्ष २०११ में जापान में आई सुनामी और भूकम्प  के साथ ही वर्ष २०१३ में हमारे उत्तराखंड के केदारनाथ आपदा में मची तबाही एवं जान-माल की हानि को भला कौन भुला सकता है। लेकिन आज भी हम जानते-बूझते भी इस गंभीर समस्या के प्रति उदासीन होकर उसकी अवहेलना करते जा रहे हैं, जिसके विनाशकारी परिणाम हमें ही भुगतने पड़ रहे हैं।  विकास की विभिन्न गतिविधियों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वैश्विक स्तर पर वनों का निरन्तर विनाश जारी है, जिसके मिट्टी के कटाव में वृद्धि हो रही है। दुनिया में जनसँख्या बढ़ने से अन्न का उत्पादन बढ़ाने के लिये आज बड़े पैमाने  पर रासायनिक खाद का प्रयोग बढ़ने से प्रदूषण भी में वृद्धि हो रही है, जो स्वास्थ्य के लिए बड़ा हानिकारक सिद्ध हो रहा है। प्राकृतिक संसाधनों और प्रकृति-प्रदत्त सम्पदा की सुरक्षा में ही मानव जाति का कल्याण निहित है इसलिए प्राकृतिक सम्पदा की लूट की जो प्रवृत्ति में आज सर्वत्र व्याप्त है, उस पर अंकुश लगाने तथा प्रकृति-विरोधी मानसिकता में बदलाव लाने की आज सख्त आवश्यकता है। 

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रचनाएँ
कुछ अनसुलझे मुद्दे (दैनन्दिनी माह नवम्बर, 2022)
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इस माह की दैनंदिनी में प्रस्तुत है 5जी तकनीकी के लाभ और प्रभाव। हमारी भारतीय उत्सवधार्मी समाज में तुलसी विवाह की कथा। आधुनिक बदलती शिक्षा प्रणाली के साथ ही देश में व्याप्त कुछ अनसुलझे मुद्दों आरक्षण, भ्रष्टाचार, ऑनर किलिंग, महिला हिंसा, धार्मिक मतभेद, आतंकवाद और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर विचार मंथन।
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5जी तकनीक : लाभ और प्रभाव

3 नवम्बर 2022
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कम्प्यूटर की तरह ही पीढ़ी-दर-पीढ़ी मोबाइल में निरंतर तकनीकी में पीढ़ीगत सुधार की प्रक्रिया जारी है। पहली पीढ़ी की बाद आज हम पांचवीं पीढ़ी (5जी) प्रौद्योगिकी के दोहन के लिए खुद को तैयार करने में जुटे हैं।

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देवउठनी एकादशी (तुलसी विवाह)

4 नवम्बर 2022
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         हमारे भारतीय समाज में दीपावली के ग्यारह दिन बाद देवउठनी एकादशी (तुलसी विवाह) मनाने की सुदीर्घ परंपरा है।  इस विषय में अलग-अलग क्षेत्रों में इसे मनाये जाने के पीछे अपनी-अपनी मान्यताएं व लोक

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आरक्षण का मुद्दा

9 नवम्बर 2022
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हमारे भारत में आरक्षण के सम्बन्ध में सर्वप्रथम भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३४० के अधीन प्रथम आयोग का गठन २९ जनवरी १९५३ को तत्कालीन राष्ट्रपति के आदेश पर "काका कालेकर आयोग" नाम से हुआ।  इस आयोग ने ३० मा

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

11 नवम्बर 2022
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हमारे देश में 11 सितंबर 2008 को केन्द्र सरकार द्वारा देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् अबुल कलाम आजाद की जयंती को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' के रूप में मनाये जाने की घोषणा की

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भ्रष्टाचार : समस्या और निदान

12 नवम्बर 2022
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वर्तमान युग में हमारे देश में अधिकांश लोगों के लिए भ्रष्टाचार सर्वश्रेष्ठ साधन बना हुआ है। भ्रष्ट आचरण का अर्थ ऐसे आचरण और गतिविधि से है, जो आदर्शों, मूल्यों, परम्पराओं, संवैधानिक मान्यताओं और नियम व

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बाल दिवस

14 नवम्बर 2022
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हर वर्ष 14 नवम्बर को वर्तमान भारत के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 'बाल दिवस' बाल कल्याण संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, केंद्रीय तथा प्रांतीय सरकारोँ क

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मनुष्य की इच्छाऐं कभी खत्म नहीं होती हैं

18 नवम्बर 2022
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सामान्यतः एक मनुष्य को सामान्य जीवन जीने के लिए रोटी, कपडा और मकान की आवश्यकता पड़ती है। जहाँ बहुत से लोगों का जीवन संघर्ष इन्हीं तीन आवश्यकताओं की पूर्ति के इर्द-गिर्द घूमता रहता है। हर मनुष्य की इच्छ

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ऑनर किलिंग

22 नवम्बर 2022
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आज भले ही हम हमारे समाज को बहुत विकसित समझते हैं , लेकिन वास्तव में आज भी कई समाज के परिवार पढ़-लिखने के बाद भी जात-पात, ऊंच-नीच के भेद भाव से ऊपर नहीं उठ पाए हैं।  वे समाज के झूठे दिखावे के चक्कर में

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जैव ईंधन

23 नवम्बर 2022
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अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ के बाद भारत चौथा सबसे बड़ा ऊर्जा खपत वाला देश है। इस ऊर्जा खपत की पूर्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा तेल बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। विश्व स्तर पर ऊर्जा खपत में भारत की हिस्

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आज प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रोकना जरुरी है

24 नवम्बर 2022
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प्रकृति द्वारा मानवों को निःशुल्क प्रदाय की गयी वस्तुओं को हम प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। इनमें भूमि, मिट्टी, जल, वन, खनिज, समुद्री साधन, जलवायु, वर्षा आदि प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। इन्हें मनुष्य अप

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अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

25 नवम्बर 2022
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माना जाता है कि 25 नवंबर 1960 को डोमिनिक शासक रैफेल टुजिलो की तानाशाही का विरोध करने पर पैट्रिया मर्सिडीज, मारिया अर्जेटीना और एंटोनियो मारिया टेरेसा को शासक द्वारा बेरहमी से मार दिया गया, जिसके बाद 1

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26/11 मुम्बई आतंकी हमले की याद

26 नवम्बर 2022
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14  वर्ष पहले 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित और भारी हथियारों से लैस दस चरमपंथियों ने मुंबई की दो पाँच सितारा होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाकर चार दि

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आपसी धार्मिक सद्भाव जरुरी है

27 नवम्बर 2022
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धर्म को मानव की आत्मा, आध्यात्मिक अवस्थाओं का परीक्षक, निरीक्षक, विद्या और संस्कृति का वाहक माना जाता है, जो जीवन को चलाने वाले श्रेष्ठ सिद्धांतों का समूह है। आधुनिक विचारकों का मत है कि जहाँ विज्ञान

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शिक्षा का बाजारीकरण

28 नवम्बर 2022
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           कभी स्कूल में संस्कृत की पुस्तक में विद्या रुपी धन के महत्ता के बारे गुरूजी एक श्लोक का खूब रट्टवाते थे कि-  "न चौर्यहार्यं न च राजहार्यं न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि। व्यये कृते वर्धते एव

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मीडिया की स्वतंत्रता

29 नवम्बर 2022
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प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इसे विश्व की वर्तमान स्थिति का दर्पण और लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। क्योँकि इनके माध्यम से ही हमें देश-विदेश में घटित होने वाली घटनाओं का पता चलता है।

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ये तेरा पैसा-मेरा पैसा

30 नवम्बर 2022
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आज का दैनिक लेखन का टैग है- सरकार और न्यायपालिका।  सभी जानते हैं कि प्रजातंत में जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि सरकार बनाकर चलाते हैं। सरकार व्यवस्थापिका या विधायिका और कार्यपालिका द्वारा क़ानून  निर्

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