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प्यार नयन में;प्यार से सराबोर जीवन में;प्यार की प्रतिमूर्ति "मेरी प्रिय" ;जैसे उज्ज्वल चाँद गगन में।    2.   प्रदर्शन ******मैं भी आ रहा थावो भी आ रही थीबारिश में...सुनसान सड़क परमैं भी अकेलेवो भी अकेलेऔर वो प्यारी सी शोरबारिश की...टिप-टिप-टिप-टिपउसे देख...ऐसा लग रहा था जैसेआज कोई बंधन नहीकोई बंदिश नहींवर्षो की दबी सारी कलाएं निकल आयी हो जैसेबिना किसी परवाह केबिना किसी की परवाह कियेमैं भी झूम रहा थावो भी झूम रही थीआज रूप का प्रदर्शन थाआज गुण का प्रदर्शन थाआज तन का प्रदर्शन थाआज मन का प्रदर्शन थाउसने मुझे देखा नही था शायद.....इसीलिए तो अपनी सारी अदाएं..सारी कलाएंअनजाने ही सहीमुझको दिखला रही थीबारिश में आजमैं भी नहा रहा थावो भी नहा रही थीआलोक रंजन

hindi articles, stories and books related to Pyar nayan men;pyar se sarabor jivan men;pyar ki pratimurti meri priy" ;jaise ujjval chaand gagan men।    2.   pradarshan ******main bhi a raha thavo bhi a rahi thibarish men...sunsan sadak parmain


सभीप्यार नयन में;प्यार से सराबोर जीवन में;प्यार की प्रतिमूर्ति "मेरी प्रिय" ;जैसे उज्ज्वल चाँद गगन में।    2.   प्रदर्शन ******मैं भी आ रहा थावो भी आ रही थीबारिश में...सुनसान सड़क परमैं भी अकेलेवो भी अकेलेऔर वो प्यारी सी शोरबारिश की...टिप-टिप-टिप-टिपउसे देख...ऐसा लग रहा था जैसेआज कोई बंधन नहीकोई बंदिश नहींवर्षो की दबी सारी कलाएं निकल आयी हो जैसेबिना किसी परवाह केबिना किसी की परवाह कियेमैं भी झूम रहा थावो भी झूम रही थीआज रूप का प्रदर्शन थाआज गुण का प्रदर्शन थाआज तन का प्रदर्शन थाआज मन का प्रदर्शन थाउसने मुझे देखा नही था शायद.....इसीलिए तो अपनी सारी अदाएं..सारी कलाएंअनजाने ही सहीमुझको दिखला रही थीबारिश में आजमैं भी नहा रहा थावो भी नहा रही थीआलोक रंजनविश्व हास्य दिवसविश्व प्रेस आज़ादी दिवसकोविशील्ड वैक्सीन विवाद

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