शीर्षक - माँ
कृपादायिनी माँ कृपा करो,
भक्तों पर अपने ध्यान धरो।
विद्या बुद्धि विनय देना माँ,
सद्व्यवहार सा मन देना माँ।
रात दिन हर पहर है तुम्हारा,
तुमसे ही है भक्ति भाव हमारा।
तुम्हारा दिया जीवन सत्य है माँ,
इस सत्य की पूर्णता तुम हो माँ।
निराशा में आशा दीप जलाना माँ,
आशीर्वाद का हाथ सिर पर रखना माँ।
अवगुणों की खान मानव जीवन माँ,
तम हर जगत आलोकित करना माँ।
आरती झा (स्वरचित व मौलिक)
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