🌞 ~ *आज का अपना पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 01 जुलाई 2018*
⛅ *दिन - रविवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074)*
⛅ *शक संवत -1940*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - वर्षा*
⛅ *मास - आषाढ़*
⛅ *गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार मास - ज्येष्ठ*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - तृतीया शाम 05:54 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
⛅ *नक्षत्र - श्रवण रात्रि 09:37 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
⛅ *योग - विष्कम्भ 02 जुलाई प्रातः 05:47 तक तत्पश्चात प्रीति*
⛅ *राहुकाल - शाम 05:41 से शाम 07:20 तक*
⛅ *सूर्योदय - 05:21*
⛅ *सूर्यास्त - 19:09*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 09-52)*
💥 *विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ अपना पंचांग ~* 🌞
🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷
👉 *01 जुलाई 2018 रविवार को शाम 05:55 से 02 जुलाई, सोमवार को रात्रि 08:20 तक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है ।*
🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*
🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*
🌷 *ॐ सोमाय नमः ।*
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🌞 *~ अपना पंचांग ~* 🌞
🌷 *चतुर्थी तिथि विशेष* 🌷
🙏🏻 *चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।*
📆 *हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।*
🙏🏻 *पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*
➡ *“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।*
🌞 *~ अपना पंचांग ~* 🌞
🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷
🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*
👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रधान सुंदरता रहे ।*
🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*
🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*
🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*
🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:*
🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:*
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🌞 *~ अपना पंचांग ~* 🌞
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