🌞 ~ आज का अपना पंचांग ~ 🌞
⛅ दिनांक 31 जुलाई 2018
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074)
⛅ शक संवत -1940
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार मास - आषाढ़
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ तिथि - तृतीया सुबह 08:43 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ नक्षत्र - शतभिषा सुबह 09:10 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅ योग - शोभन दोपहर 02:28 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहुकाल - शाम 03:49 से शाम 05:27 तक
⛅ सूर्योदय - 05:35
⛅ सूर्यास्त - 19:00
⛅ दिशाशूल - उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय : रात्रि 09:47), अंगारकी-मंगलवारी चतुर्थी (सुबह 08:55 से 01 अगस्त सूर्योदय तक)
💥 विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)
💥 चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए 🌷
👉 31 जुलाई 2018 मंगलवार को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है ।
🙏🏻 शिव पुराण में आता है कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :
🌷 ॐ गं गणपते नमः ।
🌷 ॐ सोमाय नमः ।
🙏🏻
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 मंगलवार चतुर्थी 🌷
👉 भारतीय समय के अनुसार 31 जुलाई 2018 को (सुबह 08:44 से 01 अगस्त सूर्योदय तक) चतुर्थी है, इस महायोग पर अगर मंगल ग्रह देव के 21 नामों से सुमिरन करें और धरती पर अर्घ्य देकर प्रार्थना करें,शुभ संकल्प करें तो आप सकल ऋण से मुक्त हो सकते हैं..
👉🏻मंगल देव के 21 नाम इस प्रकार हैं :-
🌷 1) ॐ मंगलाय नमः
🌷 2) ॐ भूमि पुत्राय नमः
🌷 3 ) ॐ ऋण हर्त्रे नमः
🌷 4) ॐ धन प्रदाय नमः
🌷 5 ) ॐ स्थिर आसनाय नमः
🌷 6) ॐ महा कायाय नमः
🌷 7) ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः
🌷 8) ॐ लोहिताय नमः
🌷 9) ॐ लोहिताक्षाय नमः
🌷 10) ॐ साम गानाम कृपा करे नमः
🌷 11) ॐ धरात्मजाय नमः
🌷 12) ॐ भुजाय नमः
🌷 13) ॐ भौमाय नमः
🌷 14) ॐ भूमिजाय नमः
🌷 15) ॐ भूमि नन्दनाय नमः
🌷 16) ॐ अंगारकाय नमः
🌷 17) ॐ यमाय नमः
🌷 18) ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः
🌷 19) ॐ वृष्टि कर्ते नमः
🌷 20) ॐ वृष्टि हराते नमः
🌷 21) ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः
🙏 ये 21 मन्त्र से भगवान मंगल देव को नमन करें ..फिर धरती पर अर्घ्य देना चाहिए..अर्घ्य देते समय ये मन्त्र बोले :-
🌷 भूमि पुत्रो महा तेजा
🌷 कुमारो रक्त वस्त्रका
🌷 ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम
🌷 ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे
🙏 हे भूमि पुत्र!..महा तेजस्वी,रक्त वस्त्र धारण करने वाले देव मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मुझे ऋण से शांति प्राप्त कराओ..
🙏
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 कोई कष्ट हो तो 🌷
🙏🏻 हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |
👉🏻 छः मंत्र इस प्रकार हैं –
🌷 ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रधान सुंदरता रहे ।
🌷 ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।
🌷 ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
🌷 ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।
🌷 ॐ अविघ्नाय नम:
🌷 ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
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🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
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