🌞 ~ आज का अपना पंचांग ~ 🌞
⛅ दिनांक 12 सितम्बर 2018
⛅ दिन - बुधवार
⛅ विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074)
⛅ शक संवत -1940
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - तृतीया रात्रि 04:07 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ नक्षत्र - चित्रा 13 सितम्बर रात्रि 01:08 तक तत्पश्चात स्वाति
⛅ योग - ब्रह्म 13 सितम्बर 02:27 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहुकाल - दोपहर 12:23 से दोपहर 01:54 तक
⛅ सूर्योदय - 05:56
⛅ सूर्यास्त - 18:18
⛅ दिशाशूल - उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - हरितालिका-केवड़ा तीज, वराह जयंती, संत चरणदासजी जयंती (ति.अ.), चतुर्थी (चन्द्रदर्शन निषिद्व, चन्द्रास्त : रात्रि 08:59)
💥 विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 सौ गुना फलदायी “शिवा चतुर्थी” 🌷
➡ 13 सितम्बर को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है ।
🙏🏻 भविष्य पुराण के अनुसार ‘भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का नाम ‘शिवा’ है | इस दिन किये गये स्नान, दान, उपवास, जप आदि सत्कर्म सौ गुना हो जाते हैं |
👩🏼 इस दिन जो स्री अपने सास-ससुर को गुड़ के तथा नमकीन पुए खिलाती है वह सौभाग्यवती होती है | पति की कामना करने वाली कन्या को विशेषरूप से यह व्रत करना चाहिए |’
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 गणेश-कलंक चतुर्थी 🌷 🙏🏻 ( ‘ॐ गं गणपतये नम:’ मंत्र का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्न-निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है | )
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🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन कलंक निवारण के उपाय
➡ इस वर्ष 12 सितम्बर (चन्द्रास्त : रात्रि 08.59 बजे ) व 13 सितम्बर (चन्द्रास्त :रात्रि 09.42 बजे )- दो दिन चन्द्र-दर्शन निषिद्ध है |
🙏🏻 भारतीय शास्त्रों में गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन निषेध माना गया है इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति को एक साल में मिथ्या कलंक लगता है। भगवान श्री कृष्ण को भी चंद्र दर्शन का मिथ्या कलंक लगने के प्रमाण हमारे शास्त्रों में विस्तार से वर्णित है।
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🙏🏻 जो जानबूझ कर अथवा अनजाने में ही भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन करेगा, वह अभिशप्त होगा। उसे बहुत दुःख उठाना पडेगा।
🙏🏻 गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्रमा देख लेने पर कलंक अवश्य लगता है। ऐसा गणेश जी का वचन है।
🙏🏻 भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन न करें यदि भूल से चंद्र दर्शन हो जाये तो उसके निवारण के निमित्त श्रीमद्भागवत के १०वें स्कंध, ५६-५७वें अध्याय में उल्लेखित स्यमंतक मणि की चोरी कि कथा का श्रवण करना लाभकारक है। जिससेे चंद्रमा के दर्शन से होने वाले मिथ्या कलंक का ज्यादा खतरा नहीं होगा।
🌷 चंद्र-दर्शन दोष निवारण हेतु मंत्र 🌷
🙏🏻 यदि अनिच्छा से चंद्र-दर्शन हो जाये तो व्यक्ति को निम्न मंत्र से पवित्र किया हुआ जल ग्रहण करना चाहिये। मंत्र का २१, ५४ या १०८ बार जप करें । ऐसा करने से वह तत्काल शुद्ध हो निष्कलंक बना रहता है। मंत्र निम्न है।
🌷 सिंहः प्रसेनमवधीत् , सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः ॥
🙏🏻 अर्थात: सुंदर सलोने कुमार! इस मणि के लिये सिंह ने प्रसेन को मारा है और जाम्बवान ने उस सिंह का संहार किया है, अतः तुम रोओ मत। अब इस स्यमंतक मणि पर तुम्हारा ही अधिकार है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, अध्यायः ७८)
🙏🏻 चौथ के चन्द्रदर्शन से कलंक लगता है | इस मंत्र-प्रयोग अथवा स्यमन्तक मणि कथा के वचन या श्रवण से उसका प्रभाव कम हो जाता है |
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🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
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