दिनाँक: 27.06.2022
समय : रात 12 बजे
प्रिय सखी,
सुना था कि राजनीति बड़ी कमबख्त चीज होती है। फिर सुना कि बिजनेस बड़ी कुत्ती चीज होती है। ऐसा कोई सगा नहीं होता, जिसको बिजनेसमैन ने ठगा नहीं होता।
लेकिन अगर बिजनेसमैन राजनीति में आ जाये तो!!!!
फिर वही होता है, जो आजकल हो रहा है.....
राजनीति का व्यवसायीकरण.....
साम दाम दंड भेद....
आज चाणक्य होते, तो अपना सिर पीट लेते....
कुशा में मट्ठा डालने की बजाय सीधा, केमिकल से बंजर कर देते।
जय महाराष्ट्र!
-गीता भदौरिया