चार मीनारों बीच खड़ा
यह गुम्बद रुई वाला।
यमुना जल में झाँक रहा
जैसे इसका रूप निराला।
शाहजहाँ की बेगम क्या थी
परी देश की रानी
उसकी सुन्दरता की
जगत प्रसिद्ध कहानी।
ताजमहल था
मुमताज महल का सपना
सत्य किया था
शाहजहाँ ने सब कुछ देकर अपना।
आखिरी दिनों मे शाहजहाँ
ताज निहारा करता था
देख-देख रोता और
मुमताज पुकारा करता था।