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मेरा अंतर्मन

15 मार्च 2022

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समुद्र की गहराई को नाप के देखो
मेरे शब्दो की गम्भीरता भी
समझ जाओगे।
एक दिन वो ज़रूर आएगा
जब किसी और के हो के भी तुम 
मेरे हो जाओगे।
रात के बाद सवेरा आता है
अंधकार के बाद प्रकाश आता है
भेद तो आसान है 
समझ ही जाओगे।
वक्त का तकाज़ा कहो या
मुकद्दर  का खेल 
इन उलझनो  से एक दिन ज़रूर 
पार हो जाओगे।
एक पहल मैने की है तो
एक पहल तेरी भी है
ये कायनात का इशारा है
कदम खुद व खुद ही
 बहक जाएंगे।

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