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आख़री इच्छा

21 जून 2023

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आखरी इच्छा
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मेरे द्वारा रचित पुस्तक आखरी इच्छा में मैंने एक विधवा मां की आखरी इच्छा की कहानी लिखी है। जो काल्पनिक रचना है। जिसमें एक मां की आखरी इच्छा थी कि वह डॉ बने। लेकिन समाज में चल रही नैतिक बुराईयों की वजह से उसके घर वालों ने उसकी शादी कर दी। कहानी एक विधवा औरत नीलम की है। उसके पति का हार्ट अटैक आने की वजह से देहांत हो गया था । उसका एक बेटा था जिसका नाम नवीन था।उस समय नवीन केवल दस वर्ष की आयु का था जब उसके पिता का देहांत हुआ था। नीलम ने अपने बेटे को बड़ी मुश्किलों से पाला- पोसा। उसने अपने बेटे नवीन को कभी उसके पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। वह नवीन को वह सब कुछ लेकर देती थी जो भी वह मांगे। नीलम ने अपना मां होने के साथ- साथ एक पिता होने का भी कर्ज निभाया। जब नवीन को अपनी अपनी मां नीलम के अधुरे सपने बारे पता चला तो उसने अपनी मां का अधुरा सपना पुरा करने की ठानी। उसने बहुत मेहनत और लगन से पढ़ाई पूरी की और अपनी मां का अधुरा, सपना पूरा किया। नीलम बहुत खुश हुई अपने अधुरे सपने को पूरा होता देखकर। चाहे आज नीलम खुद डॉ नहीं बनी लेकिन उसने भी नवीन के डा बनने में अपना अहम भूमिका निभाई। यह फल नीलम की दिन रात की मेहनत और कठिन परिश्रम का था।

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