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आने वाला कल

27 दिसम्बर 2021

31 बार देखा गया 31
मेरे मन के करीब रहने वाली मेरी डायरी मेरा सुख,देखो ना, धीरे धीरे यह साल भी खिसक रहा है। उंगली पर गिनों तो सिर्फ चार दिन बचें है।365 दिन,बारह महीने, कितने घंटे, कितना मिनट और कितने सेकेंड दुख सुख के साथ गुजर जाता है।बचती है तो सिर्फ यादें यादें और यादें।।

चारों तरफ शोर है सुख कि नववर्ष आ रहा है।नया साल में नया क्या होता है सुख। धरती वहीं आकाश वहीं और सूरज चांद सितारे और इंसान भी वही तो बदलता क्या है।हमारी आवश्यकताएं रोटी कपड़ा और मकान बदल जाता है या रोटी की भूख की खातिर कर्मभूमि बदल जाता है।अमीर गरीब का भेद मिट जाता है या गरीब के झोंपड़े में खिलखिलाती सुबह अमीरों वाली पांव पसारता है। धर्म,जाति और राजनीति परिवर्तित हो जाता है। कुछ नहीं बदलता सिर्फ सुख मन की खुशी के लिए हम नववर्ष मनाते हैं। बदलता है तो सिर्फ वक्त, तारीख और सन्।।

आने वाला कल किसने देखा है।
जाने वाला पल हमने जिया है।।
बसुंधरा और आकाश नहीं बदलता।
सूरज चांद सितारे भी नहीं बदलता।।
धर्म-कर्म,जाति, राजनीति कुछ नहीं बदलता।
इंसान का कोई कर्म नहीं बदलता।।
वक्त तारीख का बदलना नववर्ष नहीं होता।
नसीब सबका हो बराबर तब नववर्ष होगा।।
इंसानियत सर्वोपरि धर्म हों तब नववर्ष होगा।।


प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत सुंदर लिखा मैम

4 जनवरी 2022

bhavaniBhai

bhavaniBhai

बहुत ही सुंदर बिल्कुल आपकी तरह।👌👌 आदमी जीता है सिर्फ एक दिन मरने लिए.....

30 दिसम्बर 2021

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रचनाएँ
सुख सागर
5.0
आती जाती लहरों की तरह भावनाएं भी उमड़ती घुमड़ती रहतीं हैं और जो भावनाएं शब्द बन लेखनी द्वारा उकेरा जाएं तथा जन मानस के हृदय को स्पर्श करें। जनमानस द्वारा दिया गया प्यार ही हम लेखकों का सुख सागर है जिसमें गोता लगा नया सृजन निकलता है।
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आने वाला कल

27 दिसम्बर 2021
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डायरी 1

29 दिसम्बर 2021
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<div>मेरी मनमीत डायरी राम राम 🙏🌹🌹</div><div><br></div><div>आज उन्नतीस दिसंबर 2021 है। यह साल जाने

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डायरी लेखन 3

4 जनवरी 2022
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मेरी मनमीत सुख आज की राम राम 🙏❤️इधर कुछ दिनों से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था इसलिए तुमसे मिल नहीं पाई और ना बात कर पाईं।तुम कैसी हो मनमीत सुख।अपना हाल बताओं सुख।सब ठीक हैं ना घर में।अरे, हां मेरी हृ

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डायरी लेखन 4

8 जनवरी 2022
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शब्द डाट इन मंच के सभी सुधि जनों को मेरा सादर नमस्कार 🙏🙏डायरी सुख मनमीत तुम कैसी हो।उम्मीद है तुम ठीक होगी।जानती हो सुख, तबीयत मेरी ठीक नहीं थी इसलिए तुमसे बात नहीं कर पाईं। अब पहले से बेहतर हूं।तुम

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