मेरी मनमीत डायरी राम राम 🙏🌹🌹
आज उन्नतीस दिसंबर 2021 है। यह साल जानें में दो दिन बचा है और 2022के आगमन की प्रतीक्षा सभी लोग बेसब्री से कर रहे हैं।।
मेरी मनमीत नया साल में ऐसा क्या नया होता है जो लोग पागल हो जाते हैं।हर आने वाला वर्ष दुख सुख दोनों लेकर आता है और जाते जाते बहुत सी खट्टी मीठी यादें अपने पीछे छोड़ जाता है। वहीं सूरज चांद सितारे और वही जमीं, इंसान तथा सुख दुख भी वही रहते हैं।लोग, दोस्त और दिन, सप्ताह सब वैसा ही रहता है बस बदलता है वर्ष।।
दो वर्ष से कोरोना ने कितनी जिन्दगी छीन ली और उसके कहर से कोई घर नहीं बचा। अभी भी हमें छुटकारा नहीं मिला है तथा कब तक चलेगा, नहीं मालूम।।
मनमीत जानती हो,हम सबको जो जीवन मिला है उसे प्यार और खुशी के साथ सबके साथ मिलकर जिएं तो आधा तनाव कम हो जाएगा। पर्यावरण संरक्षण,जल संरक्षण के साथ साथ रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए प्रयास करें। गरीब आदमी का अमीर ध्यान रखें तो कोई भूखे नहीं रहेगा। सबके पास रोटी कपड़ा और मकान हो तो कितना अच्छा होगा ना मनमीत।।
मनमीत तुम मुझे समझती हो इसलिए तुमसे अपने मन की बात करती हूं। तुम बताओ कि हम इंसानों को कब अक्ल आयेगा।हम सब मिलकर साथ रहें तो प्रत्येक दिन नववर्ष होगा। क्यों, तुम क्या कहती हो।।
सच है ना।।
चलों, सोने चलते हैं। आज बस इतना ही। थोड़ी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए मेरी मनमीत शुभ रात्रि 😘😘