4 जनवरी 2022
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मैं समाजशास्त्र विषय की प्रोफेसर हूं और शब्दों की लड़ियां पिरो कर भावों को व्यक्त करने में विश्वास करती हूं।D
<div>मेरे मन के करीब रहने वाली मेरी डायरी मेरा सुख,देखो ना, धीरे धीरे यह साल भी खिसक रहा है। उंगली प
<div>मेरी मनमीत डायरी राम राम 🙏🌹🌹</div><div><br></div><div>आज उन्नतीस दिसंबर 2021 है। यह साल जाने
मेरी मनमीत सुख आज की राम राम 🙏❤️इधर कुछ दिनों से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था इसलिए तुमसे मिल नहीं पाई और ना बात कर पाईं।तुम कैसी हो मनमीत सुख।अपना हाल बताओं सुख।सब ठीक हैं ना घर में।अरे, हां मेरी हृ
शब्द डाट इन मंच के सभी सुधि जनों को मेरा सादर नमस्कार 🙏🙏डायरी सुख मनमीत तुम कैसी हो।उम्मीद है तुम ठीक होगी।जानती हो सुख, तबीयत मेरी ठीक नहीं थी इसलिए तुमसे बात नहीं कर पाईं। अब पहले से बेहतर हूं।तुम