आँखे उनकी भी कुछ कहती होंगी ... वादे तोड़ कर,साँसे भी लेती होंगी ... अच्छा या बुरा किये,सोचती तो जरूर होंगी शायद भुला के भी,ना भुला पाती होंगी .... आँखें उनकीं भी कुछ कहतीं होंगी ...... वादे तोड़ कर सांसें भी लेती होंगी ...... भले ही यादों को,बाहोँ में समेट लेती होंगी लेकिन पत्थर -दिल को जख्म नही देती होंगी ... आँखे उनकी भी कुछ कहती होंगी .... वादे तोड़ कर सांसें भी लेती होंगी ...... ...