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काशी तुम जीवन का प्रयाण होप्रातः अरु सायं वंदन तुम्हें स्वीकार होतुम तरनी हो मम नश्वर आकार कीबनी हो संज्ञा मम जीवन व्यवहार कीकाल भी आपका नित वंदन करतेमहाकाल ॐ नमः शिवाय हैं भजतेअभिलाषा ..... (शू