काशी तुम जीवन का प्रयाण हो
प्रातः अरु सायं वंदन तुम्हें स्वीकार हो
तुम तरनी हो मम नश्वर आकार की
बनी हो संज्ञा मम जीवन व्यवहार की
काल भी आपका नित वंदन करते
महाकाल ॐ नमः शिवाय हैं भजते
- अभिलाषा ..... (शून्य )
14 जनवरी 2022
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मैं स्वच्छंद विचार हूं , निर्बंध बहता हूं हर मन में प्रति पल रहता हूं। अभिलाषा शर्मा ......✍️D