गीत- आवारा परदेशीमै आवारा परदेशी हूँ, मेरा नही ठिकाना रेओ मृग नयनों वाली सुनले, मुझसे दिल न लगाना रेजब तीर नज़र का किसी ज़िगरको पार कभी कर जाता हैप्यार मुहब्बत में बेचाराचैन नही फिर पाता हैघुट-घुट फिर जीना होता है, पड़ता अश्क़ बहाना रेओ मृग नयनों वाली सुनले, मुझसे दिल न लगाना रेइस दिल का उस दिल से