shabd-logo

बदमाश दिल

28 मार्च 2022

39 बार देखा गया 39
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
3
रचनाएँ
बदमाश दिल
0.0
हंसी मजाक में न जाने कितनी प्रेम कहानियां बन जाती हैं । ये दिल पता नहीं कब किसी का हो जाता है और फिर किसी की सुनता भी नहीं । एक से नाता जोड़ ले तो भी ठीक है । मगर इसे तो मुक्त गगन में उड़ना है । किसी एक जगह ठहरना नहीं । इसे बहुत समझाया कि बेटा, दुनिया का यही दस्तूर है । तुझ पर चढ़ा फालतू का फितूर है । पर ये कमबख्त एक नहीं सुनता । जब देखो तब बदमाशियां करता रहता है । तो ऐसे बदमाश दिल की कहानी है ये । उम्मीद है कि आपको पसंद आयेगी ।
1

बदमाश दिल

28 मार्च 2022
3
0
0

"हैलो""हां दीदी" "क्या कर रहा है तू ? अगर कोई एग्जाम नहीं हो तो आ जा । मेरी ननद हिना की शादी है । कुछ मदद भी करवा देना और थोड़े दिन हम दोनों भाई बहन साथ भी रह लेंगे" । प्रवीण ने कुछ सोचते हुए

2

भाग 2

28 मार्च 2022
0
0
0

अगले दिन प्रवीण थोड़ी देर से जागा था । सिनेमा देखना और बाहर खाना खाने में रात के बारह बज गए थे । सबको सोना था मगर सोना कोई नहीं चाहता था । तो सब लोग अंत्याक्षरी के लिये बैठ गए । दो गुट बन गए । दिव्या औ

3

भाग 3

3 अप्रैल 2022
0
0
0

नाश्ता करने के बाद प्रवीण अपने कमरे में आ गया । मिर्च की जलन अभी खत्म नहीं हुई थी इसलिए वह थोड़ा रेस्ट करना चाहता था । पानी पीकर लह बिस्तर पर लेट गया । थोड़ी देर के बाद उसकी दीदी और रश्मि आईं । दीद

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए