एक ही तथ्य है और एक ही सत्य; दूसरे की कल्पना ही दुःख है
प्रश्न: पिछले कुछ दिनों से अचानक विचारों की उथल-पुथल होने लगी है। मन में अहंकार, क्रोध, ईर्ष्या, घृणा, द्वेष सब भरे होते हैं। कृपया आप ही कुछ उपाय बताएं।वक्ता: पहली बात तो यह कि आपको साफ़-साफ़ पता हो कि इन विचारों को कोई हक़ नहीं है होने का, और इनसे विपरीत विचारों को भी वास्तव में कोई हक नहीं है होने क