इंद्रधनुष
इंद्रधनुषचिड़िया ने जब वर्षा के बाद सर उठाया, सामने चमचमाता हुआ इंद्रधनुषी दृष्य पाया ।घोंसले से देखा उसने दूर वादियों में,विशाल रंगबिरंगी काया दो पर्वतों के बीच में ।उस तक पहुंचने की चाह में बेसुध उड़ चलाइच्छा तीव्र हो तो भूख-प्यास क्या भला ?रास्ते में सर्द हवा, चील