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अहंकार

12 मई 2022

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अहंकार उसी को होता है,

जिसे बिना मेहनत के सब कुछ मिल जाता है,

मेहनत से सुख प्राप्त करने वाला व्यक्ति,

दूसरों की मेहनत का भी सम्मान करता है।


– आचार्य चाणक्य

7 अक्टूबर 2022

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रचनाएँ
चाणक्य नीति
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चाणक्य का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, और उन्होंने तक्षशिला में अपनी शिक्षा प्राप्त की, जिसे कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वह मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व) के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य (आरसी 321-सी.297 ईसा पूर्व) के शासनकाल में प्रधान मंत्री थे। वह एक महान विचारक, अर्थशास्त्री, न्यायविद और शाही सलाहकार और दार्शनिक थे और उनकी शिक्षाओं को दो पुस्तकों- अर्थशास्त्र (“सामग्री लाभ का विज्ञान”) और चाणक्य नीति में एक साथ रखा गया है। अर्थशास्त्र को चाणक्य का प्रशिक्षण मैनुअल माना जाता है जिसके द्वारा उन्होंने चंद्रगुप्त को एक नागरिक से एक सम्राट में बदल दिया। कहा जा रहा है कि उनकी बुद्धिमत्ता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। वह कोई योद्धा नहीं था, लेकिन उसने अपने दिमाग से लड़ाई लड़ी।
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अहंकार

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अहंकार उसी को होता है, जिसे बिना मेहनत के सब कुछ मिल जाता है, मेहनत से सुख प्राप्त करने वाला व्यक्ति, दूसरों की मेहनत का भी सम्मान करता है। – आचार्य चाणक्य

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प्रेम

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प्रेम से भरी हुई आंखें, श्रद्धा से झुका हुआ सिर, सहयोग करते हुए हाथ, सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव और सत्य से जुड़ी  हुई जीभ, ईश्वर की पसंदीदा चीजें है। – आचार्य चाणक्य

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अच्छा समय

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अच्छे समय से ज्यादा, अच्छे इंसान के साथ रिश्ता रखो,  अच्छा इंसान अच्छा समय ला सकता है,  अच्छा समय अच्छा इंसान नहीं ला सकता। – आचार्य चाणक्य

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नई शुरुआत

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 हर नई शुरुआत थोड़ा डराती है, पर याद रखो सफलता मुश्किलों के पास ही नजर आती है।  आचार्य चाणक्य

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खुश रहने

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खुश रहने का मतलब यह नहीं कि सब कुछ ठीक है,             बल्कि इसका मतलब यह है कि                           अपने दुखों के ऊपर जीवन जीना सीख लिया है।                                                 

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जीवन के बारे

12 मई 2022
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जब जीवन के बारे में सोचो तब यह सदैव याद रखना कि, पछतावा अतीत बदल नहीं सकता, और चिंता भविष्य को सवार नहीं सकती, एकाग्रता से किया गया परिश्रम ही वास्तविक चमत्कार करता है।  – आचार्य चाणक्य

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हर क्षण

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जिसने हर क्षण को महोत्सव बनाया हो, जिसकी शिकायतें कम हो, और जिसने हर छोटी उपलब्धि के लिए भी ईश्वर का धन्यवाद किया हो, ऐसे व्यक्ति को दुख का आभास बहुत ही कम होता है। – आचार्य चाणक्य

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व्यक्ति

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बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जो चेहरा रहता है, वह प्रकृति की देन है, तीस वर्ष की आयु का चेहरा जीवन के उतार-चढ़ाव की देन है, लेकिन पच्चास वर्ष की आयु का चेहरा व्यक्ति की अपनी कमाई है। – आचार्य

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इच्छाएं

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इच्छाएं मनुष्य को जीने नहीं देती, और मनुष्य इच्छाओं को कभी मरने नहीं देता। – आचार्य चाणक्य

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समय को रोक

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तुम समय को रोक नहीं सकते, परंतु समय को बर्बाद न करना सदैव तुम्हारे नियंत्रण में ही है। – आचार्य चाणक्य

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सरल को कठिन

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सरल को कठिन बनाना आसान है, परंतु कठिन को सरल बनाना मुश्किल, और जो कठिन को सरल बनाना जानता है, वह व्यक्ति विशेष है। – आचार्य चाणक्य

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कर्म

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जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के झुंड मे अपनी माँ के पीछे चलता है। उसी प्रकार आदमी के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं। – आचार्य चाणक्य

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आप

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जब आप किसी काम की शुरुआत करें, तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें। जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वो सबसे प्रसन्न होते हैं। – आचार्य चाणक्य

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महान

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आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मों से महान होता है। – आचार्य चाणक्य

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क्रोध

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क्रोध में बोला एक कठोर शब्द इतना जहरीला हो सकता है कि आपकी हजार प्यारी बातों को एक मिनट में नष्ट कर सकता है। – आचार्य चाणक्य

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संतोष

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संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है। – आचार्य चाणक्य

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प्रेम और आस्था

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प्रेम और आस्था दोनों पर ही किसी का जोर नहीं है, ये मन जहाँ लग जाए वहीं पर भगवान नज़र आता है। – आचार्य चाणक्य

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वर्तमान

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जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए। समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं। – आचार्य चाणक्य

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ज्ञान उतना दो

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किसी को ज्ञान उतना ही दो जितना वो समझ सके, क्योंकि बाल्टी भरने के बाद नल ना बंद करने से पानी व्यर्थ हो जाता है। – आचार्य चाणक्य

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प्यार और लगाव

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ये मत सोचो की प्यार और लगाव एक ही चीज है, दोनों एक दूसरे के दुश्मन हैं, ये लगाव ही है जो प्यार को खत्म कर देता है। – आचार्य चाणक्य

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समझदारी

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समझदारी की बाते सिर्फ दो ही लोग करते हैं, एक वो जिनकी उम्र अधिक है और दूसरे वो जिसने कम उम्र में बहुत सी ठोकरें खाई हैं। – आचार्य चाणक्य

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दिल में रहता

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जो हमारे दिल में रहता है, वो दूर होके भी पास है। लेकिन जो हमारे दिल में नहीं रहता, वो पास होके भी दूर है। – आचार्य चाणक्य

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मतलबी इंसान

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जो बुरे वक्त में आपको आपकी कमिया गिनाने लग जाए उससे ज्यादा मतलबी इंसान कोई हो ही नहीं सकता। – आचार्य चाणक्य

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चुनौतियाँ

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जीवन और चुनौतियाँ हर किसी के हिस्से में नहीं आतीं, क्योंकि किस्मत भी किस्मत वालों को आजमाती है। – आचार्य चाणक्य

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पापी

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जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है, उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है। – आचार्य चाणक्य

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प्रेम पीपल

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प्रेम पीपल का बीज है, जहाँ संभावना नहीं, वहाँ भी पनप जाता है। – आचार्य चाणक्य

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पढ़ा जाए

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किस उम्र तक पढ़ा जाए और किस उम्र से कमाया जाए, ये शौक नहीं बल्कि हालात तय करते हैं। – आचार्य चाणक्य

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भाग्य

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भाग्य उनका साथ देता है, जो हर संकट का सामना करके भी अपने लक्ष्य के प्रति द्रुढ़ रहते हैं। – आचार्य चाणक्य

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असंभव

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असंभव शब्द का प्रयोग तो केवल  कायर करते हैं, बुद्धिमानी ज्ञानी व्यक्ति अपना रास्ता खुद बनाते हैं। – आचार्य चाणक्य

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त्याग करके

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 जो अपने निश्चित कर्मों का त्याग करके, और अनिश्चित की चिंता करता है, उसका अनिश्चित लक्ष्य तो नष्ट होता ही है, साथ में निश्चित भी नष्ट हो जाता है। – आचार्य चाणक्य

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उनसे सलाह कभी मत लेना

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उनसे सलाह कभी मत लेना जो उस पड़ाव पर है ही नहीं, जहाँ तुम पहुँचना चाहते हो, क्योंकि माता पिता व गुरु के अलावा, ज्यादातर लोग आपको आपके मार्ग से  भटकाने का कार्य ही करते हैं। – आचार्य चाणक्य

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उस खजाने

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 जो तुम मांगते हो उसके मिलते ही उसका मूल्य कम हो जाता है, और फिर से कुछ मांगने की इच्छा जगती है, इसलिए मांगने के बजाय उस खजाने की तरह बढ़ो जो तुम्हारे भीतर छुपा है। – आचार्य चाणक्य

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समस्या का समाधान

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समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर करता है, कि आपका सलाहकार कौन है, यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुर्योधन शकुनी से सलाह लेता था और अर्जुन श्रीकृष्ण से। – आचार्य चाणक्य

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मन बड़ा चमत्कारि

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 मन बड़ा चमत्कारि शब्द है, इसके आगे ‘न’ लगने पर  यह नमन हो जाता है, और इसके पीछे ‘न’ लगने पर यह मनन हो जाता है, इसलिए जीवन में नमन और मनन करते रहिए, जीवन सफल ही नहीं बल्कि सार्थक भी हो जाएगा। –

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चींटी से मेहनत सीखो

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 चींटी से मेहनत सीखो,  बगुले से तरकीब, और मकड़ी से कारीगरी और अपने विकास के लिए अंतिम समय तक संघर्ष करो क्योंकि संघर्ष ही जीवन है। – आचार्य चाणक्य

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छुपा हुआ कपट

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आंख में पड़ा हुआ तिनका, पैरों में जुभा हुआ काँटा, और रुई में दबी हुई आग से भी भयानक है, हृदय में छुपा हुआ कपट।  – आचार्य चाणक्य

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अधिक ईर्ष्या

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आवश्यकता से अधिक ईर्ष्या, आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी को झलकाती है। – आचार्य चाणक्य

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जीवन के लेखक बनो

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जीवन के लेखक बनो और अपने मन के पाठक, क्योंकि जितना अधिक खुद के बारे में ज्ञान अर्जित करोगे, उतना ही कम तुम्हें दूसरों की राय पर निर्भर होना पड़ेगा। – आचार्य चाणक्य

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यादो का जीवन

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यादो  का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, क्योंकि कभी-कभी हम बीते दुख को याद करके हंसते हैं, और कभी कभी हम बीते  सुख को याद करके रोते हैं। – आचार्य चाणक्य

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गुरु मंत्र

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सबसे बड़ा गुरु मंत्र, अपने राज किसी को भी मत बताओ। ये तुम्हे खत्म कर देगा। – आचार्य चाणक्य

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आत्मसम्मान

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झुकना बहुत अच्छी बात है नम्रता की पहचान होती है, मगर आत्मसम्मान को खोकर झुकना खुद को खोने जैसा है। – आचार्य चाणक्य

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सदाचार

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एक संतुलित मन के बराबर कोई तपस्या नहीं है। संतोष के बराबर कोई खुशी नहीं है। लोभ के जैसी कोई बिमारी नहीं है। दया के जैसा कोई सदाचार नहीं है। – आचार्य चाणक्य

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कार्यों से महान

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फूलों की खुशबू हवा की दिशा में ही फैलती है, लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई चारों तरफ फैलती है। कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं। दौलत, दोस्त ,पत्नी और राज्य दोबारा हासिल

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सत्य पर भी रूठे,

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जहा आदर नहीं वहाँ जाना मत,  जो सुनता नहीं उसे समझाना मत, जो पचता नहीं उसे खाना मत,  और जो सत्य पर भी रूठे, उसे मनाना मत। आग में आग नहीं डालनी चाहिए,  अर्थात क्रोधी व्यक्ति को अधिक क्रोध नहीं दिल

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स्वार्थ होता है

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हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है, ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो, यह कड़वा सच है। – आचार्य चाणक्य

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विचार मंत्र

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 जीवन में तीन मंत्र   आनंद में वचन मत दीजिए, क्रोध में उत्तर मत दीजिए,  दुख में निर्णय मत लीजिए। दुख भोगने वाला आगे चलकर सुखी हो सकता है, लेकिन दुख देने वाला  कभी सुखी नहीं हो सकता। जरूरत से ज

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कड़वा ज्ञान

12 मई 2022
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नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है, इतिहास गवाह है कि आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं  पडे।

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दुर्जन व्यक्ति

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नीम की जड़ में मीठा  दूध डालने से नीम मीठा नहीं हो सकता, उसी प्रकार कितना भी समझाओ, दुर्जन व्यक्ति का साधु बनना मुश्किल है।

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जीवन में

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मंदिरों में क्यों ढूंढते हो उसे, वो तो वहाँ भी हैं, जहाँ तुम  गुनाह और अपराध करते हो। जीवन की हर सुबह कुछ शर्तें लेकर आती है, और जीवन की हर शाम कुछ अनुभव देकर जाती है। आचार्य चाणक्य 

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उलझ जाना

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सबसे बड़ा गुरु ठोकर है, खाते जाओगे,  सीखते जाओगे। संबंध इसलिए नहीं सुलझ पाते, क्योंकि लोग दूसरों की बातों में आकर अपनों से उलझ जाते हैं आचार्य चाणक्य 

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अपना वजूद

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आप किसी के लिए चाहे अपना वजूद दाव पर लगा दो, वह तब तक आपका है जब तक आप उसके काम के हो, जिस दिन आप उसके काम के नहीं रहोगे, या कोई गलती कर दोगे, उस दिन वह आपकी सारी अच्छाई भूल कर अपनी औकात दिखा देगा

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निराश मत होना

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जब मेहनत करने के बाद भी सपने पूरे नहीं होते, दो रास्ते बदलिए सिद्धांत नहीं, क्योंकि पेड़ भी हमेशा पत्ते बदलता है जड़ नहीं, गीता में साफ शब्दों ने लिखा है, निराश मत होना कमजोर तेरा वक्त है, तू नहीं

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बुरा वक्त

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किसी के बुरे वक्त पर हंसने की गलती मत करना, ये वक्त है चेहरे याद रखता है । आचार्य चाणक्य 

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सुविचार

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तुलसी को कभी वृक्ष न समझे,  गाय को कभी पशु न समझे, और माता पिता को कभी मनुष्य न समझे , क्योंकि ये तीनों तो साक्षात भगवान का रूप है। आचार्य चाणक्य 

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सुविचार - 2

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जिसकी आंखों में नींद है उसके पास अच्छा बिस्तर नहीं, जिसके पास अच्छा बिस्तर है उसकी आंखों में नींद नहीं, जिसके पास दया  है उसके पास किसी को देने के लिए धन नहीं और जिसके पास धन है उसके मन में दया जैस

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सुविचार-3

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पत्थर तब तक सुरक्षित है जब तक वो पर्वत से जुड़ा है, पत्ता तब तक सुरक्षित है जब तक वो पेड़ से जुड़ा है और इंसान तब तक सुरक्षित है जब तक परिवार से जुड़ा है, क्योंकि परिवार से अलग होकर आजादी तो मिल जा

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सुविचार-4

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जो ज्ञानी होता है उसे समझाया जा सकता है, जो अज्ञानी होता है उसे भी समझाया जा सकता है, परंतु जो अभिमानी होता है उसे कोई नहीं समझा सकता, उसे वक्त ही समझाता है। आचार्य चाणक्य 

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लोगों से उम्मीद

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आधे दुखः गलत लोगों से उम्मीद रखने से होते हैं, और बाकी आधे सच्चे लोगों पर शक करने से होते हैं !!

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दुख का कारण

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वो जो अपने परिवार से अति लगाव रखता है भय और दुख में जीता है। सभी दुखों का मुख्य कारण लगाव ही है, इसलिए खुश रहने के लिए लगाव का त्याग आवशयक है। – आचार्य चाणक्य

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वह व्यक्ति विशेष है।

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सरल को कठिन बनाना आसान है, परंतु कठिन को सरल बनाना मुश्किल, और जो कठिन को सरल बनाना जानता है, वह व्यक्ति विशेष है। – आचार्य चाणक्य

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