shabd-logo

ऐसा विवाह

30 दिसम्बर 2021

158 बार देखा गया 158

यह कहानी लिखते हुए मै किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नही पहुचाना चाहती।बस मन के भाव थे जो शब्दो से बयां कर रही हूँ ।
  आज जानकी बहुत खुश थी।बात ही खुशी की थी।भगवान ने बेटी नही दी थी उस का मलाल जानकी को सदा रहा।पर अब बुढापे में आकर मन की ख्वाईश पूरी हो रही थी कन्या दान करने की।बडे बुजुर्ग कहते थे।,"जिनके घर बेटी नही होती उनकी दहलीज कुँवारी रह जाती है।"बस यही बात जानकी को खायें जाती थी।
     आज से दो दिन बाद उसके यहाँ "तुलसी विवाह "था।सभी मेहमानों को बुलाया गया था।एक अमीर औरत तुलसी विवाह कर रही थी तो निसंदेह विवाह मे खर्च भी बहुत हो रहा था।देव उठनी एकादशी का मुहरत था।चारो तरफ धूमधाम मची थी।पंडित जी तो सुबह ब्रहम मुहूर्त मे ही आकर सारा इंतजाम देख रहे थे साथ मे शालिगराम जी को भी अच्छे से कपड़े पहना कर लाये थे।मन ही मन आज कितना माल मिलेगा उसका हिसाब  लगा रहे थे।
जानकी जी तो सुबह से ही भाग दौड़ मे लगी थी आखिर तुलसी रूपी बेटी की जो शादी थी।जिस गमले मे तुलसी थी उसे दुल्हन की तरह सजाया गया था।
इतने मे गली मे बहुत जोर से शोर शराबा हो गया ।पता चला पड़ोस  मे वर्मा जी की बेटी जिस की आज शादी थी वह टूट गई ।कयोंकि वर्मा जी तो रहे नही।उनकी पत्नी के पास  इतना नही था कि वो लडके वालों की फरमाइश पूरी कर सके।पता नही क्या फरमाइश की थी बेटे वालों ने।जब जानकी उनके घर पहुंची तो मिसेज वर्मा सुबक रही थी।जैसे ही अपनी हमदर्द (जानकी)को देखा जोर से रूलाई फूट पड़ी ।"बहन अब कैसे करूँ गी बेटी के हाथ पीले ।कहते है अगर गरीब की बेटी का रिश्ता टूट जाये तो जल्दी से कोई हाथ नही पकड़ता ।"जानकी उसे धीर बंधाती रही।और ये आश्वासन देकर चली आयी कि तुम चिंता मत करो भगवान सबका साथी है।सब ठीक हो जायेगा ।
उसे जल्दी घर पहुँचना था।उसके यहाँ भी तो विवाह था।घर आकर अपने कार्य में लग गया।पर मन अभी भी मिसेज वर्मा की बातों से अनमना सा हो गया था।उसी वक्त उसकी सहेली जो दूसरे शहर रहती थी आ गयी ।दोनो सहेलियां बड़े प्यार से मिली।चाय नाश्ता करके जब दोनों बैठी तो बात चल पडी,"जानकी रमेश के लिए कोई  लड़की  बता ना शादी लायक हो गया है जब भी कहती हूँ कोई लड़की है तेरे मन मे तो बस यही कहता है माँ आप बस करो आप जो ढूढेगी वो ही मंजूर होंगी ।"जानकी ने सिर हिला कर हां कर दी।शादी की रस्मे शुरू होने लगी।तभी अचानक से जानकी उठी और मिसेज वर्मा के यहाँ पहुँच गयी ।आपस मे कुछ  बातें  हुई।

शादी के मुहरत के समय जानकी जी के घर मे दो शादीयों मे लोग समलित हो रहे थे।एक तुलसी विवाह और एक वर्मा जी की बेटी का।जानकी जी बीच मंडप मे खड़ी दोनों बेटियों का कन्या दान कर रही थी।एक बेटी शालिगराम जी के साथ ।दूसरी अपनी सहेली के बेटे के साथ ।।।।


19 जुलाई 2022

निक्की तिवारी

निक्की तिवारी

अच्छी कहानी लिखी आपने

16 जून 2022

Astha Singhal

Astha Singhal

बहुत अच्छी कहानी 👍

30 मई 2022

Amit

Amit

बहुत अच्छी कहानी है

11 मई 2022

कविता रावत

कविता रावत

जिसके पास जो कुछ नहीं रहता उसे उसकी कीमत अच्छे से समझ आती है जानकी जैसे लोग ही समाज के सामने एक स्वस्थ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, जो प्रेरक होता है सभी के लिए

6 मई 2022

Sanjay Dani

Sanjay Dani

Nice one.

4 मई 2022

भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया कहानी 👌🏻👌🏻👏👏

11 अप्रैल 2022

Monika Garg

Monika Garg

12 अप्रैल 2022

धन्यवाद

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

बहुत अच्छी, सन्देशपूर्ण कहानी लिखी है आपने।

12 फरवरी 2022

Monika Garg

Monika Garg

12 फरवरी 2022

धन्यवाद

12
रचनाएँ
मन की बातें (कहानी संग्रह)
4.9
मन से लिखी ,मनो मे घर करने वाली कहानियां।
1

ऐसा विवाह

30 दिसम्बर 2021
43
10
12

<div align="left"><p dir="ltr">यह कहानी लिखते हुए मै किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नही पहुचाना चाहत

2

जनाजा किस्म किस्म

2 जनवरी 2022
15
6
7

<div align="left"><p dir="ltr">मौत एक शाश्वत सत्य है।जिस से मुंह नही फेरा जा सकता ।ऐसा लगता है जैसे जिंदगी एक रेलगाड़ी है जिन का स्टेशन आ गया वो उतर गया।और नये बंदे रेलगाड़ी मे चढ़ गये<br> हमारी जिंदग

3

कड़वा सच

11 जनवरी 2022
16
7
3

सीमा आज जब बच्चो को स्कूल की बस मे बैठा कर घर की ओर आ रही थी तो अचानक से किसी के जोर जोर से रोने से उसका ध्यान भंग हुआ।उसने देखा वह जिस गली से गुजरती थी बच्चो को स्कूल छोडने।उसी के एक घर से रोने

4

रोज़ा

6 अप्रैल 2022
17
7
5

अल्लाह हू अकबर अल्लाह हू अकबर ।"नमाज का वक्त हो चला था चारों तरफ से अजान की आवाज आ रही थी।रहमत मियां अपने घर की ओर बढ़े जा रहे थे। प्यास के मारे गला सूखा जा रहा था आज उनका बीसवां रोजा था।पर अपने धर्म

5

मैं कहां बलवान

7 अप्रैल 2022
10
4
3

घर मे शादी का माहौल था । दुल्हा तैयार हो रहा था । बैण्ड बाजा सब तैयार था बस इंतजार था तो पहलवान ढोलवाले का।आस पास के सभी गांव मे उसके ढोल के बगैर कोई बारात नही निकलती थी वो बजाता ही ऐसा ढोल था कि जिसे

6

मेहंदी मेरे नाम की

9 अप्रैल 2022
10
5
2

सलमा बला की खूबसूरत थी नाक नक्श भगवान ने फुर्सत मे गढ़े थे उसके ।तीखी नाक मे हीरे की नथनी कमाल लगती थी ऊपर से रंग या अल्लाह! ऐसा था जैसे किसी ने दूध मे केसर घोल दी हो ।कटीला बदन और ऊपर से जब कमर को बल

7

फरेब है इन आंखों मे

13 अप्रैल 2022
13
8
1

चंदा को ना जाने क्यों आज सुंदर की याद आ रही थी।वह जानती थी कि वो दिल फेंक आशिक था पर था तो उसकी बेटी का पिता ।आज अचानक से वो पुरानी यादों मे खो गयी।वो पहाड़ों पर घर का चुल्हा जलाने के लिए लकड़ियां बीन

8

मोहे उस घर ना दीजो ... मां

14 अप्रैल 2022
9
7
0

सुमी अरी ओ सुमी ! कितनी देर और लगेगी तैयार होने मे लड़के वाले कभी भी आ सकते है।"मां ने नीचे से ही सुमी को आवाज लगाई ।इधर सुमी तैयार तो कभी की हो गयी थी पर उसे नीचे आते हुए डर लग रहा था उसके पैर कांप र

9

घर का चांद

16 अप्रैल 2022
11
8
1

लाला गिरधारी लाल के पोते की अभी नयी नयी शादी हुई थी पांच पीढ़ियों से लाला जी के यहां लड़की का जन्म नही हुआ था गिरधारी लाल जी के पिता जी की भी कोई बहन नही थी ।हर साल पंडित आकर रक्षाबंधन पर राखी ब

10

ये कैसा मिलन

22 अप्रैल 2022
10
6
1

वंदे मातरम। वंदे मातरम ।जय हिंद।भारत माता की जय ।इन जयघोष से सारा आकाश गूंज रहा था। सोनपुरा कै लिए बड़े गर्व की बात थी आज उनकी माटी का लाल अपने देश पर न्यौछावर होकर अपनी बेजान शरीर को तिरंगे मे लपेटे

11

तबादला

26 अप्रैल 2022
9
4
1

तनु की शादी की बात चल रही थी । बड़ा ही अच्छा घराना था लड़का भी बहुत सुंदर और अचछे पद पर आसीन था पर तनु को वो रिश्ता मंजूर नही था। मां ने सोचा शायद कोई ओर है इसके मन मे जो इतना अच्छा रिश्ता ठुकरा रही ह

12

बाई सा (दीदी)

26 अप्रैल 2022
7
4
0

आज समर खाना खा कर लेटा तो दस वर्षीय उसका बेटा सोनू पापा से जिद करने लगा ,"पापा प्लीज कोई ऐसी बात बताओं जिसने आप को कभी बहुत डराया हो।"समर थका हुआ था सोई सोनू से बोला ,"आज नही फिर कभी अभी सोते है चलों

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए