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मकर संक्रांति का पर्व

14 जनवरी 2022

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               त्यौहार ही तो एक होता है
जो नही समझता है,
              कौन अमीर है कौन गरीब है,
सब मिलजुल कर मनाते हैं।

                खुशियाँ गले लगाते हैं
पतंग संग उड़ाते हैं,
           गुड़ और तिल के मिठास,
में खो जाते हैं।

            अपनों के संग मुस्कुराते हैं
एक दूसरे को याद करते हैं,
            .......सब मिलजुल कर
मकर संक्रन्ति का पर्व,
                 चलो मनाते हैं।

            पतंग सी जिंदगी उड़ान
भरे आसमां में,
         ...गुड़ के जैसी हो जिंदगी में
मिठास।

     ........अपनों से दूर हैं तो क्या
चलो एक दूजे को दिल
                 वो से बोलते हैं,
साल का सबसे प्यारा 
           ख़ुशी ख़ुशी चलो मिलजुल,
कर मनाते हैं।

              अपनों के संग मकर साँक्रन्ति,
का पावन त्यौहार।

        आप सब को लोहड़ी और मकर संक्रांति
                 की ढ़ेर सारी शुभकामनायें 🙏💐





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रचनाएँ
सच और झूठ
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ये किताब सच और झूठ आप सब जरूर पढ़िएगा क्यों की आज कल लोग झूठ बोल कर बहुत खुश रहते हैं।
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