shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

अपने सपने

सुकून

27 अध्याय
3 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
11 पाठक
निःशुल्क

ये किताब कविता शायरी संग्रह है आप सब सोच रहे होंगे की अपने सपने नाम आखिर क्यों रखा गया है। तो जिंदगी में कभी कभी अपनी जिम्मेदारीयों की वजह से हम सब के दिल में कुछ न कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं तो हमारे सपने को नाम दे कर उन्हें हमने अपने सपने लिख दिया है ❤❤ 

apne sapne

0.0(3)


Very nice 👍


दे गए सकुन वो शब्द ही थे, हम अजनबी सही पर लेखनी के सब अपने ही थे

पुस्तक के भाग

1

अपने सपने -(भाग -1)

6 मार्च 2022
5
2
2

शीर्षक -अपनेसपने अपने माँ बाबा के अधूरे,सपनों को पूरा करने,हम उन्हें अकेला छोड़,गाँव से शहर आ गए,अपने सपने पूरा करने।कभी सोच ही नही,अपने सपने पूरा,करने में खुद खो गए,उन्हें भूला कर जिन्होंने,अपने

2

अपने सपने -(भाग -2)

7 मार्च 2022
4
2
2

शीर्षक -अनकही बातें कुछ यादें अनकही रह जाती है,कुछ वादे अनकही रह जाती है।प्यार के कुछ किस्से,कुछ बातें अनकही रह जाती है।कुछ यादें कुछ बातें कुछ पल,कुछ प्यार कुछ किस्से,कभी कभी अनकही रह जाती है।जो

3

अपने सपने -(भाग -3)

8 मार्च 2022
2
2
2

शीर्षक -"औरत हूँ"दिल में बसी वो मोहब्बत हूँ,मैं औरत हूँ,मैं औरत हूँ। कभी माँ,कभी बहन कभी बहन बनकर ममता की मुर्रत हूँ,मैं औरत हू

4

अपने सपने -(भाग -4)

9 मार्च 2022
3
2
2

शीर्षक-हम हों या न हों हम रहे या न रहे तेरे साथ ,तूम खुश हर हाल में रहाना, ये न पूछना तेरे बिना, खुश कैसे रहूँगा,बस तुम मेरे रहने या रहने पर,ब

5

अपने सपने--(भाग -5)

10 मार्च 2022
4
2
2

शीर्षक -एकउम्मीदएक उम्मीद ही तो,बची है जिंदगी में,एक बार तो तुमसे,मिलूंगा और पूछूंगा।की अब भी मुझे याद,करते हो अब भी मुझे,प्यार करते हो,अब भी मेरा इंतजार,करते हो।अब भी तुम मुझपेतुम मरते

6

अपने सपने --(भाग -6)

11 मार्च 2022
3
2
2

शीर्षक -मनमन इतना विचलित क्यूँ होता है।मन तू इतना चिंतित क्यों होता है,हर वक्त तू डरा और सहमा सा क्यों रहता है।हर वक्त तू बुझा बुझा छुपा छुपा क्यों रहता है,मुश्

7

अपने सपने -(भाग -7)

12 मार्च 2022
4
2
2

शीर्षक --(अँखियाँ )अँखियों के झरोखे में,आपके इस कदर खोये हम की, की हर लम्हा खूबसूरत,बन गया।हर पल अनमोल बन गया,इन आँखों में तेरे सिवा कोई,फिर आया ही नही।तुम्हारे सिवा अँखियों के झरोखे में,तुम ही अ

8

अपने सपने -(भाग -8)

14 मार्च 2022
4
2
2

शीर्षक -बचपन की वो शैतानीबचपन की कहानियाँ,बचपन की शैतानीयाँ,हमें आज भी बहुत याद आती है।बचपन की वो शैतानीयाँ,दादी और नानी की कहानियाँ,हमें आज भी बहुत याद आती है,बचपन की वो शतानीयाँ। &nbsp

9

अपने सपने --( भाग -9 )

15 मार्च 2022
2
2
2

शीर्षक -बड़े प्यारे होतुम बड़े प्यारे लगते हो, चाँद से भी न्यारे लगते हो।चांदनी रातों

10

अपने सपने --(भाग -10)

16 मार्च 2022
3
2
2

शीर्षक -"जिंदगी"जिंदगी में कभी उदास मत होना,जिंदगी में अगर कोई गम हो तो,खुशी खुशी हमारी हँसी मांग लेना।तेरी खुशी के लिए अपनी हँसी तुझे दे दूँगा,पर तुझे जिंदगी में कभी उदास नही,होने दूँगा

11

अपने सपने -(भाग -11)

16 मार्च 2022
3
2
2

शीर्षक- "आप हो तो हम हैं "माँ बाबा आप हो तो हम हैं,साथ हैं तो दम है,आपके बिना तो हमसब कम हैं।हर मुश्किल से लड़ना सीखलाया है,हर गम में मुस्कुराना सिखालाया है।आप हमेशा रहना संग,चाहे आये जिंदगी में कोई रं

12

अपने सपने -(भाग -12)

18 मार्च 2022
2
2
2

शीर्षक --होली1.गौरा महादेव के संग रहे,होली के इस पावन त्यौहार में,हर किसी के जीवन हर्षों उल्लास रहे,खुशियों की बाहर रहे।2.राधा का रंग हो,कान्हा का प्यार हो,सबको मुबारक होली का त्योहार हो।

13

अपने सपने -(भाग -13)

19 मार्च 2022
2
2
2

शीर्षक- होली विशेषहोली का नाम सुनकर,याद आ गया रंगों का त्यौहार,मन में छा गई,खुशियों की बौछार।आओ सब मिल कर खेलें होली,आई आई रंगों की टोली,सब हिल मिल कर,संग संग खेलेंगे होली।गलियों में बजे ढ़ोल मंजिरे,सब

14

अपने सपने -(भाग -14)

20 मार्च 2022
2
2
2

शीर्षक -खोमोशीयाँखामोशियाँ भी अब तो बातें करने लगी है,वो तो अब चुप रहने लगे हैं।महफिल में छाई है तन्हाईयाँ,अब तो उनकी ख़ामोशीयाँ भीबातें करने लगी।कैसे पूछूँ कैसे बताऊँ अपनी मज़बूरीयाँ,अब तो खामोशि

15

अपने सपने --(भाग 15)

20 मार्च 2022
2
2
2

शीर्षक --बसंतजब बसंत आता है,एक नया संदेश ले कर आता है।हम सब के लिए खुशियों की,सौगत ले कर आता है।पतझड़ सी जिंदगी को,सबको हर्षाने आया है,बसंत सबके जिंदगी को,महकाने आया है।जब बसंत आता है,एक हर साल कुछ नया

16

अपने सपने --(भाग -16)

21 मार्च 2022
2
2
2

शीर्षक --कविता 141हर कविता वो छोटी हो या बड़ी,हमें उससे कुछ न कुछ सीख ही मिलता है।कविता तो कविता होता है,जो अल्फाजों से सजकर,आँखों को भाता है।कविता जो पन्नों पर कलम,के साथ मिलकर मन के भावों,के साथ

17

अपने सपने -(भाग -17)

22 मार्च 2022
2
2
2

शीर्षक -"वो एक कविता"वो एक कविता ही तो होती है,जो हमेशा साथ चलती है,जो हमेशा पास रहती है,वो एक कविता ही तो होती है।जो किसी की पहचान होती है,जो किसी की सम्मान होती है,वो एक कविता ही तो होती है।जो हमें

18

अपने सपने --(भाग -18)

22 मार्च 2022
2
2
1

शीर्षक --(वो बीते रैना )191आँखों में बसे ही रह गए वो बीते रैना,जो तेरे संग गुजरे वो खूबसूरत रैना।रैना तो बीत गए तेरी यादों के संग,जब से तू मुझे छोड़ गई पगली!!यूँ ही तन्हा राहों में अब तेरे बिन,एक एक पल

19

अपने सपने -(भाग- 19)

23 मार्च 2022
2
2
1

शीर्षक --वीरसपूतमेरे भारत माँ के वीर सपूतों की,क्या खूब थी उनकी ये कुर्बानीयाँ जो अपनी जान की दे दी खुशी खुशी,कुर्बानियां।वो जैसे आज भी पूछते हैं की तुम सबकोयाद है हमारी कुर्बानियां,या भूल गए एक

20

अपने सपने --(भाग -20)

24 मार्च 2022
3
2
1

शीर्षक -अनसुनी कभी कभी मेरी चीखें,अनसुनी हो जाती है।कभी कभी मेरी आवाज,अनकही रह जाती है।चीखती हूँ चिल्लाती हूँ,फिर खामोश हो जाती हूँ,मदद भी मांगती हूँ,आवाज भी लगाती हूँ,तो जैसे लगता है दुनिया,के स

21

अपने सपने --(भाग -21)

24 मार्च 2022
2
2
1

शीर्षक -आखिर वो आखिर वो कैसे इतना सबकुछ कैसे कर लेतीं हैंअपनों की ख़ुशी के लिए अपने ख़ुशी उनकेलिए उनकी जिंदगी में कोई मायने नहीरखती है बसअपनों की खुशियोंके लिएवो हमेशा खुश हो क

22

अपने सपने --(भाग -22)

25 मार्च 2022
2
2
1

शीर्षक --खामोशी का दर्द जब किसी की मोहब्बत जुदाहोती है तो लव खामोश खुद ब खुदहो जाते हैंख़ामोशी की चादर में खुद कोलपेट लेते हैं ख़ामोशी के दर्दको खुद सहते हैं उफ़ भी न करते हैंउस जुदा मोहब्बत क

23

अपने सपने --(भाग -23)

27 मार्च 2022
2
2
1

शीर्षक-----"माँ का आँचल"मेरी माँ के आँचल में बीता मेरा बचपन,वो भगवान तो नही है पर मेरे लिए है भगवान।मेरी माँ मेरे लिए इस जहाँ में,मेरे मन के मंदिर में भगवान से कम नही है।माँ सुनती है मेरे दिल की धड़कन,

24

अपने सपने --(भाग -24)

27 मार्च 2022
2
2
1

शीर्षक ---बचपन की बातेबचपन की बीती बातें,यादों को ताज़ा कर गई।आज भी याद आ जाती,बीती बातें बचपन की,जिसे याद करके दिल,गुदगुदा जाता है।अपने बचपन की बीती बातें,याद करके दिल उदास तो,नही होता है बस मुस

25

अपने सपने --(भाग --25)

27 मार्च 2022
2
2
1

शीर्षक --"ये जीवन है "ये जीवन क्षणभंगूर है,ये रूप भी क्षणभंगूर है,ये काया भी क्षणभंगूर है,ये माया भी क्षणभंगूर है,फिर सब इसको पाने के,लिए व्याकुल होते फिरते हैं।बस ये जीवन साँसो का,ताना बाना है।जिंदगी

26

अपने सपने -(भाग --26)

30 मार्च 2022
2
2
1

शीर्षक --क्षणभंगूर ये जीवन क्षणभंगूर हैये रूप भी क्षणभंगूर हैये काया भी क्षणभंगूर हैये माया भी क्षणभंगूर हैफिर सब इसको पाने केलिए व्याकुल होते फिरते हैंबस ये जीवन साँसो काताना बाना हैजिंदगी का बस

27

अपने सपने --(भाग -27)

30 मार्च 2022
2
2
1

शीर्षक --बेटियांबेटियाँ घर की मान हैबेटियां घर की महेमान हैजिनके यहाँ होती है बेटियां उनके घर की होती पहचान है बेटियां सम्मान होती है&nbsp

---

किताब पढ़िए