shabd-logo

दर्द का फर्क

11 जनवरी 2022

28 बार देखा गया 28
         एक बेटी अपने पापा की परी होती है।

        तो एक बेटा भी अपनी माँ का जिगर होता है।

       फिर क्यों एक बेटी का दर्द दीखता है ज़माने में
       फिर क्यों नही दीखता है एक बेटे की ख़ामोशी
               और दर्द   अपने ही घर और ज़माने में।

             क्या बस तकलीफ बेटियों को ही होता है,
                   ससुराल में, और इस दुनिया में।

         क्या एक बेटे को भी तकलीफ होता है अपने,
                   ही घर में और इस ज़माने में।

        लेकिन न कोई समझता है न ये तकलीफ वो किसी
                को भी नही बता पाता है चाह कर भी।

                               आखिर क्यों ऐसा होता है।
                       बेटी का दर्द दीखता है बेटे का दर्द नही,
                                     दीखता है।।
19
रचनाएँ
सच और झूठ
5.0
ये किताब सच और झूठ आप सब जरूर पढ़िएगा क्यों की आज कल लोग झूठ बोल कर बहुत खुश रहते हैं।
1

सच और झूठ -(भाग -1)

18 दिसम्बर 2021
17
10
6

अब तो लोग झूठ को सच,<div>समझ कर खुशियाँ मानने,</div><div>लगे हैं।</div><div>अब ये दर्द हम अपना किस,<

2

सच और झूठ (भाग -2)

19 दिसम्बर 2021
14
8
4

हमें आया ही नही समझ,<div>की मीठे झूठ बोल कर,</div><div>रिश्ते निभाने अपनों से।</div><div>हमने थोड़ा स

3

सच और झूठ (भाग -3)

21 दिसम्बर 2021
14
10
4

इस दुनिया एक ही ऐसे,<div>इंसान आप को मिलेंगे।</div><div>जो आपके झूठ और सच,</div><div>को आपकी,</div><

4

सच और झूठ (भाग -4)

24 दिसम्बर 2021
10
8
4

दो पल क्या मांग लिया,<div>आप से सच्ची ख़ुशी,</div><div>के लिए आप तो हम से,</div><div>ऐसे बिछड़ गए।</di

5

साल 2022

31 दिसम्बर 2021
9
8
4

आ गया आने वाला पल,<div>2022</div><div>कुछ अच्छा सोचा है तो,</div><div>आगे भी अच्छा ही होगा।</div><div>यही सोच कर,</div><div>सबको अपने आने वाला,</div><div>पल में।</div><div>चलना होगा एक दूसरे के,</div>

6

नई जिंदगी

2 जनवरी 2022
24
9
4

जिंदगी में तो हर रोज एक,<div>नई शुरुआत करना</div><div>पड़ता है।</div><div>बस वो कभी कभी,</div><div>खुद से हार जाती है।</div><div>और </div><div>फिर से खुद को जीतने,</div><div>की एक नई शुरुआत करती ह

7

💐फुलबारी परिवार भरा 💐

5 जनवरी 2022
16
8
7

हमारा परिवार भी तो,एक खूबसूरत,फुलबारी होता है।जिसमें कितने सारे,पेड़ पौधे हम सब होते हैं।हर पेड़ पौधा अपने अपने,परिवार के साथ हँसते,मुस्कुराते लड़ते झगड़ते,ख़ुशी और गम के साथ,हर मुश्किल में अपन

8

विरह

7 जनवरी 2022
9
8
6

लो आ गई विरह की बेला,अब तो आजा एक बार,मेरे दिलवर,ऑंखें तरस रही है।आ कर एक बार मिल लो,मेरे दिलवर।क्या जिंदगी में तुझ से कभी,मिल भी पाऊँगी या नही,एक बार आ जाओ मेरे दिलवर,विरह की बेला आ गई।आँखों से

9

आखरी मुलाक़ात

9 जनवरी 2022
18
9
4

वो उनकी आखरी मुलाक़ातबहुत याद आती है।वो बहुत तड़पाती है तुम्हारीआखरी मुलाक़ात।❤❤❤❤❤❤❤वो चला गया मुड़ कर भी नहीदेखा मैने कैसे जिया।पता है वो तेरी आखरी मुलाक़ात,ही मेरे जीने कासबब बन गया।❤❤❤❤❤❤❤❤❤अब वो तेरी

10

क्या होता होगा कॉलेज के दिन

10 जनवरी 2022
30
11
6

क्या होता है कॉलेज के दिन, जिन्होंने कभी गया नही

11

दर्द का फर्क

11 जनवरी 2022
1
1
0

एक बेटी अपने पापा की परी होती है। तो एक बेटा भी अपनी माँ का जिगर होता है। फिर क्यों एक बेटी का दर्द दीखता है ज़मान

12

विदेश यात्रा

12 जनवरी 2022
0
0
0

चलो प्रतिलिपि जी आपकेबहाने हम भी सोच लियाकी कभी न कभी हम भीकर लेंगे विदेश यात्रा।वरना रह जायगी ये आसअधूरी की हमने क्यों नहीकी विदेश यात्रा।यात्रा तो विदेश हो या देश की यात्रा करनी चाहिए जरूर&nbsp

13

परियों की दुनिया का पता नही

13 जनवरी 2022
0
0
0

परियों की दुनिया का पता नहीमैं तो अपने माँ बाबा की ही परी हूँमेरे से ही उनके आँगन मेंखुशियाँ बिखरी हैपरियों की दुनिया का पता नही।मैं तो ही हूँ अपने भैया की प्यारीलाडली परी बन करइठलाती फिरती हूँप

14

मकर संक्रांति का पर्व

14 जनवरी 2022
2
1
0

त्यौहार ही तो एक होता हैजो नही समझता है, कौन अमीर है कौन गरीब है,सब मिलजुल कर मनाते हैं। &n

15

भाग -16

17 फरवरी 2022
2
1
1

खुशी कहाँ मिलती, खुशी जहाँ दिखती नही है,वहाँ से भी, ढूढ़ने वाले ढूंढ़ लेते हैं। अपनी खुशी,खुशी कहाँ रह

16

भाग -17

18 फरवरी 2022
1
1
2

जिंदगी की सीख, कभी कभी हमें,गलती करने से भी, मिल जाती जिंदगी में,उस गलती से जो सीख, हमें मिलती है वो हमें,जि

17

भाग -18

20 फरवरी 2022
0
0
0

मुश्किल है पर असंभव नही होता, है सच के राह पर,चलना थोड़ा मुश्किल है। पर चलते जाना है,बिना रुके अपनी स

18

भाग -19

4 मार्च 2022
0
0
0

जिंदगी के कुछ उसूल होते हैं, चाहे वो रिश्ता,हों या सफलता,सभी के लिए एक उसूल,

19

जातिवाद और धर्म भेदभाव

10 नवम्बर 2022
0
1
2

शीर्षक--जातिवाद और धर्म की जंजीर इंसानियत का फैला दो पैगाम,दुनिया में होगा इसका अच्छा परिणाम,जातिवाद और धर्म के भेदभाव को,भूल कर खुद को दे दो इनाम।न हवाओं पर लिखा है जाति और धर्म,न खून पे लिखा

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए