एक दुष्ट चुड़ैल ने एक सुदंर सी लड़की को पौधे पर लगे फूल के रूप में बदल दिया। लेकिन रात के समय उसे यह इजाजत थी कि अपने लड़की रूप में आ जाती और रात अपने माता-पिता के साथ रहती। एक सुबह जब वह लड़की पुनः पौधों पर लगे फूल में परिवर्तित होने जा रही थी तो अपनी माँ से बोली-‘‘यदि तुम मुझे किसी तरह पौधे से तोड़ लो, तो चुड़ैल का जादू टूट जाएगा।’’ बात तो ठीक थी, लेकिन समस्या यह थी कि उसकी माँ उसे पहचानती कैसे ? वहाँ तो हजारों दूसरे वैसे ही फूल लगे थे। लेकिन उसको ढूंढना बहुत ही सरल था। चूंकी लड़की रात अपने घर बिताकर सुबह के समय फूल बनती थी, इसलिए वही एक ऐसा अकेला फूल होती थी, जो ओश से भीगा नहीं होता था।