साँवला प्रेम
साँवला प्रेम **************************कोमल तन-मन लगाता छलांग....बचकाना की परिधि से तोड़ने को अनभिज्ञता,कैमार्य और कुछ बेड़ियाँ.....पाने को कुछ उत्तर ......एक आकर्षण ....एक प्रेम ....तरुणायी तन , उत्तरदायित्व....एक आवेश लिए प्रेम पर मिटने को तैयार ये साँवला प्रेमी ....सस्मित मुँख ,चंचल चितवन कुछ शर्म,