shabd-logo

साँवला प्रेम

3 नवम्बर 2015

157 बार देखा गया 157

साँवला प्रेम 


**************************


कोमल तन-मन लगाता छलांग....
बचकाना की परिधि से 
तोड़ने को अनभिज्ञता,
कैमार्य और कुछ बेड़ियाँ.....
पाने को कुछ उत्तर ......
एक आकर्षण ....
एक प्रेम ....

तरुणायी तन , उत्तरदायित्व....
एक आवेश लिए 
प्रेम पर मिटने को 
तैयार ये साँवला प्रेमी ....

सस्मित मुँख ,चंचल चितवन 
कुछ शर्म,कुछ लज्जा 
एक भोलापन ...एक ख्वाब ..
और सांवली तन्वंगी
कमर पर एक वर्तुल नाभी......
समेटे यौवन चेतना

डर ,
शंका ...
एक अपराध का ....
एक प्रेम अपराध का .....

हाफ्ती धड़कन ..
सम्मोहन ,लालिमा ,
स्पर्श ...
एक आलिंगन 
और पल्लवित एक विश्वास...... 

कुछ 
अपनों का आक्रोश ....
दंभ ,सम्मान
जातीय विच्छेद...
कुछ यातनाये ...
कुछ दण्ड ....

और प्रेम का साक्षी वो बूढ़ा बरगद ,
जिसकी हर एक डाल प्रमाण है 
एक प्रेम कहानी की ....
एक मूक प्रेम की .....
एक अधूरी प्रेम कहानी की .....

--------- अम्बुज सिंह

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए