Mai ek house maker hu likhna aur apne vicharo ko shabdo me pirona pasand hai mujhe
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समीर नाम था उनका जैसा नाम वैसा ही व्यक्तित्व भी उनका था।हम लोगो ने अपनी अपनी जगह सुनिश्चित की और बातो का सिलसिला शुरू हुआ सब लोग अपनी ही बातो में मग्न थे और मैं सिर झुकाए बैठी थी क्योंकि सामने देखने क
आज भी याद है मुझे, वो पहली मुलाकात जब हम दोनों को हमारे ही घर वालो ने एक काफी शॉप पर मिलवाया था ।इससे पहले भी कई लड़कों ने मुझे देखा और हर बार ना ही हुई लेकिन इस बार जब हम लोग अपने गांव गए दीवाली मना