संदीप को समझना किसी साधारण व्यक्ति के बस की बात नहीं थी
संदीप को समझना आम आदमी के बस की बात नहीं थी। संदीप किस समय क्या सोंच रहा है और वह क्या करने वाला है। यह सिर्फ वही जानता है। शायद यही कारण था कि जहां अभय और अंजू का रिश्ता टूटने की कगार पर था। वहीं नीता और संदीप के बीच चल रहा प्रेम अभी संदीप की ओर से अधूरा था। संदीप अपने दोनों हाथ में लड्डू रखना चाहता था। ऐसे में वह अंजू और अभय के रिश्ते को टूटते हुए नहीं देखना चाहता था। इसके पीछे के कारणों का किसी को भी पता नहीं था कि आखिर ऐसा क्या है कि संदीप लगातार अभय को समझा तो रहा है परंतु अंजू से दूर होने को लेकर वह बेहद गंभीर है। वह नहीं चाह रहा था कि अभय और अंजू के बीच का रिश्ता किसी भी तरह से खत्म हो इसके पीछे के कारण को जानने के लिए आपको संदीप की कहानी को काफी बारीकी से समझना होगा।
संदीप पूरी तरह से एक मैच्योर व्यक्ति की तरह ही सोंचता था। वह स्टूडेंट जरूर था लेकिन उसकी सोंच लड़कियों के मामले में और स्टूडेंट से काफी अलग थी। शायद यही कारण था कि उससे लड़कियां जल्दी आकर्षित होने लगती थीं, परंतु संदीप ऐसे ही किसी लड़की की ओर आकर्षित नहीं होता था। एक बार जरूर थी कि वह किसी भी लड़की को जल्द मना नहीं करता था। बातें करने में निपुण था और अगर उसका दिल किसी लड़की पर आ गया तो वह हर संभव प्रयास करता था कि उससे उसकी दोस्ती हो जाए। शायद यही कारण था कि संदीप अभय और अंजू के रिश्ते को टूटने से रोकना चाहता था। दरअसल संदीप की नजर अंजू की छोटी बहन प्रिया पर थी।
प्रिया देखने में बेहद खूबसूरत है और उस के लटके झटके संदीप को आकर्षित कर रहे थे, हालांकि अंजू बड़ी होने के साथ काफी समझदार थी इसीलिए वह अपनी छोटी बहन को कहीं भी जल्द अपने साथ ऐसी जगह पर नहीं ले जाती थी जहां पर उसे अभय से या किसी और से मिलना होता था। अभय सालीन प्रवृत्ति का था और उसके अंदर किसी भी तरह का कपट नहीं था। ऐसे में वह इन बातों से अनभिज्ञ था कि संदीप उसकी गर्लफ्रेंड अंजू की बहन प्रिया के बारे में क्या सोंच रहा है। संदीप अधिकतर अंजू से मिलने की जब भी बात करता था तो वह चाहता था की अंजू चाहे तो अपनी बहन के साथ भी आ सकती है। हालांकि अभय ने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया। संदीप इस बात से निराश हो जाता था कि अभय अंजू से कभी प्रिया को लाने के लिए क्यों नहीं रहता है। कुल मिलाकर एक तरफ जहां अभय और अंजू की प्रेम कहानी खत्म होती दिखाई दे रही थी। वहीं संदीप और नीता की प्रेम कहानी में भी कुछ खास नहीं चल रहा था। संदीप, नीता को नहीं छोड़ना चाहता था परंतु उससे कोई ऐसा रिश्ता भी नहीं रखना चाह रहा था जिससे उसे आगे किसी भी तरह की कोई समस्या उत्पन्न हो।
संदीप के मन में प्रिया को लेकर एक प्रेम कहानी पनपने लगी थी
शायद यही कारण था कि संदीप ने अभय और अंजू को फिर से मिलाने का प्रण कर लिया था। अब इसके लिए वह कोई भी कुर्बानी देने को तैयार था। जिसे लेकर उसने अपना पहला पाशा नीता के रूप में अंजू की ओर फेंका। उसने नीता से कहा कि तुम दोनों एक अच्छी सहेलियां थीं और तुम दोनों छोटी सी बात को लेकर आपस में लड़ाई झगड़ा नहीं कर सकती हो। तुम लोगों को समझना होगा कि तुम लोग एक दूसरे के लिए बेहद खास हो। अगर अंजू ने कुछ गलत कह भी दिया है तो एक बहन होने के नाते तुम्हें उसे माफ कर देना चाहिए। संदीप की ऐसी बातें नीता को समझ में नहीं आ रही थीं। नीता यह समझ नहीं पा रही थी कि आखिर संदीप को ऐसा क्या हुआ है कि वह अंजू की तरफदारी कर रहा है जबकि वह जानता है कि अंजू ने नीता को कितना बुरा भला कहा है। वह समझ रही थी कि संदीप उसे बेहद चाहता है। संदीप के मन में तो कुछ और ही पक रहा था। अनीता उसे समझ नहीं पा रही थी क्योंकि नीता संदीप के बारे में बहुत कुछ नहीं जानती थी। यही बातें आने वाले समय में खुलने वाली वाली थीं । उसके बाद क्या होने वाला था यह किसी को पता नहीं था।
दरअसल अंजू से बात करने को लेकर अब संदीप नीता पर दबाव बनाने लगा था। यह दबाव हर बार से कहीं ज्यादा था। वह रोज नीता से कहता था कि तुमने अंजू से बात की है या नहीं! नीता हर बार गुस्से में संदीप को मना कर देती थी। ऐसे में संदीप ने अपनी बात मनवाने के लिए नीता से नाराज होने का एक नाटक किया और उसने नीता से बात करना बंद कर दिया। कुछ दिनों बाद नीता का फोन अभय के पास आता है वह पूछती है कि ऐसा क्या हुआ कि संदीप आजकल मुझसे बात नहीं कर रहा अब अभय भी चिंतित हो जाता है कि एक तरफ अंजू उससे बात नहीं कर रही है। ऐसे में अगर संदीप नीता का साथ छोड़ देता है तो उससे अंजू को मिलाने का रास्ता भी बंद हो जाएगा। ऐसे में अभय तुरंत ही संदीप के पास जाता है और संदीप से पूंछता है ऐसा क्या हुआ कि तुम भी नीता से बात नहीं कर रहे हो, कौन सी ऐसी नाराजगी है और तुम ऐसा क्यों कर रहे हो। इसके बाद संदीप उसे समझाता है कि वह अपने दोस्त के लिए ऐसा कर रहा है। अभय कुछ समझ नहीं पाता है तो संदीप कहता है कि वह अनीता से सिर्फ इसलिए बात नहीं कर रहा है क्योंकि नीता अंजू से बात नहीं कर रही है अगर नीता अंजू से माफी मांग ले तो शायद अंजू नीता से बात करने लगेगी और उसके बाद तुम्हारे और अंजू के बीच के रिश्तों को ठीक किया जा सकता है। अभय को लगता है कि संदीप उसके लिए कितना सोंचता है और संदीप से अच्छा दोस्त कोई हो ही नहीं सकता, परंतु संदीप ऐसा क्यों कर रहा था इससे अभय अभी अनजान था। संदीप कि सच्चाई खुलने के बाद अभय - संदीप के बारे में क्या सोंचेगा यह भी एक विषय बन गया था। हालांकि अभी अभय को संदीप की सभी बातें अच्छी लग रही थी और वह संदीप की हां में हां मिला रहा था। ऐसे में अभय ने दोबारा नीता को फोन करके कहा नीता संदीप सही कह रहा है तुमको अंजू से बात करनी चाहिए। अगर संभव हो सके तो उससे माफी भी मांग लो। माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता है। अब अभय को भी यहां पर अंजू की मोहब्बत वापस मिलने का एक लालच आ गया था। इसके बाद नीता ने आखिरकार अंजू से बात करने पर हामी भर दी। नीता जब अगले दिन स्कूल पहुंची तो उसने अंजू से बात करने के लिए उसे लंच टाइम में अपने पास बुलाया। काफी समय बीत गया था तो शायद अंजू का गुस्सा भी कुछ हद तक कम हो चुका था। ऐसे में नीता के बुलाने पर अंजू नीता के पास आ जाती है। फिर नीता अपना टिफिन खोलकर अंजू से कहती है कि आओ मेरे साथ तुम भी खाना खाओ। इस पर अंजू कहती है मैं अपना टिफिन लेकर आई हूं और मुझे खाना होगा तो मैं खा लूंगी। तुम्हें इतना अच्छा बनने की जरूरत नहीं है। इस पर नीता कहती है कि मैं पहले तुम्हारी सहेली हूं उसके बाद कुछ और! तुमने मुझे संदीप से बात करने के लिए मना किया था और मैंने संदीप से बात करना छोड़ दिया है। ऐसे में अंजू के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। अब नीता और अंजू के बीच ढेरों बातें होती हैं। दोनों ही नाराजगी को भूल कर बात करते हैं। इसके बाद अंजू पूंछती है कि मेरे कहने पर तुमने संदीप को छोड़ दिया तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। अब नीता कहती है यह कौन सी बात हुई, तुम कभी कुछ तो कभी कुछ कहती हो और तुमने भी तो आज तक अभय से बात नहीं की है तो अंजू कहती है कि मैं अभय से नाराज थी पर मुझे आज एहसास हो रहा है कि मुझे अभय से नाराज नहीं होना चाहिए था। अब नीता कहती है कि लो यह कौन सी बात हुई क्या तुम अभी अभय से बात करना चाहती हो। जिस पर अंजू हामी भर देती है। बस फिर क्या था ऐसा लग रहा था मानो नीता की सारी मनोकामना पूरी हो गई हो। जैसे ही वह घर जाती है रास्ते से ही संदीप को फोन करके यह सूचना देती है की अंजू अभय से बात करने के लिए तैयार हो गई है। लेकिन उसने अंजू से यह बता दिया है कि वह खुद भी संदीप से बात नहीं कर रही है। इस पर संगीत कोई खास प्रतिक्रिया नहीं देता है कहता है कोई बात नहीं थोड़ा बहुत झूठ बोलने में कोई बुराई नहीं है।
मानों संदीप की हसरत होने लगी थी पूरी
इस घटना के बाद ऐसा लग रहा था कि मानों संदीप की हसरतें पूरी होने जा रही हैंसं। संदीप बेहद खुश था और उसकी कोई खुशी का ठिकाना नहीं था। उसने अभय से तुरंत यह बात बताई कि अंजू उससे बात करने को तैयार हो गई है। अब अभय की खुशी का भी ठिकाना नहीं था और वह संदीप को धन्यवाद देने लगा, इस पर संदीप ने कहा कोई बात नहीं अगर मैंने तुम्हारे लिए कुछ किया है तो तुम मेरे लिए भी आगे कुछ कर सकते हो। दोस्ती में किसी तरह का एहसान नहीं होता है। अपनी खुशी में अभय संदीप की इस बात का मतलब नहीं समझ पाता है। आगे क्या होने वाला था इससे अनजान अभय संदीप से मुलाकात करने के बाद अंजू से मिलने का प्लान बनाने लगता है और इधर संदीप नीता को छोड़कर प्रिया के बारे में ख्वाब बुनने लगता है। अब इस कहानी में आगे कौन सा मोड़ आने वाला है यह कोई नहीं जान रहा था। नीता के साथ क्या होने वाला था क्या दोबारा अभय और अंजू के बीच की प्रेम कहानी शुरू होने वाली थी, या फिर संदीप सिर्फ अंजू की बहन प्रिया को पाना चाह रहा था। इन सभी की कहानी में क्या होने वाला था यहां कोई नहीं जान रहा था। बस सब कुछ ना कुछ पाना चाह रहे थे। यह चाहत इतनी बड़ी हो गई थी कि अपने भविष्य को लेकर कोई चिंतित नहीं था।
प्रिया के ख्यालों में डूबा रहता था संदीप
एक तरफ तो संदीप नीता के साथ प्यार के अपने दिखावे को जारी रखना चाहता था और वह अनीता से रिश्ता भी नहीं तोड़ना चाह रहा था। वहीं इसके विपरीत संदीप के ख्यालों में अब प्रीति रहने लगी थी। संदीप हर वक्त बस प्रिया के ख्यालों में डूबा रहता था जब भी उससे अभय नीता के संबंध में कोई बात करता था तो वह अभय को यह कह कर टाल देता था कि हर समय यही बातें अच्छी नहीं लगती हैं। कभी-कभी अपनी जिंदगी के बारे में भी सोंचा करो। ऐसे में अभय को कुछ समझ नहीं आता था। वह इस सोंच में पड़ गया था कि ऐसा क्या है कि हर वक्त लड़कियों की बातें करने वाला संदीप आजकल अपने प्यार की बात करने पर भी बात को बदल रहा है। एक बार संदीप और अभय दोनों एक साथ कार में सवार होकर दिल्ली के लिए निकले।
सफर लंबा था इसलिए अभय ने सोंचा कि इस समय संदीप के मन की बात जानी जा सकती है। ऐसे में दोनों दोस्त गाड़ी में बैठ कर जब बातें करने लगे तो धीरे-धीरे संदीप नीता को छोड़कर अंजू और प्रिया की बातें करने लगा। वह हर बार बात को घुमा कर प्रीति तक ले जाता था। जब भी अभय इस बात को बदलता था तो वह फिर से किसी न किसी बात को लेकर प्रीति की तारीफ करने लगता था। अब अभय को कुछ-कुछ समझ में आने लगा था कि संदीप नीता से दूरियां क्यों बना रहा है और क्यों वह नीता से बहुत ज्यादा बात नहीं कर रहा है, उसे समझ में आ गया था कि कहीं ना कहीं संदीप प्रिया से दोस्ती करना चाहता है, लेकिन अभय ऐसा नहीं चाहता था। अभी अभय की नजर में प्रिया छोटी थी तो उसे संदीप से दूर रखना चाह रहा था, क्योंकि अगर यह बात अंजू तक पहुंच गई तो उसके रिश्ते में दरार पड़ जाती। यह इसलिए भी सही था क्योंकि अंजू संदीप को बहुत ज्यादा पसंद नहीं करती थी और वह संदीप को लेकर अभय को भी कई बार समझा चुकी थी। ऐसे में अभय कोई भी ऐसा रिस्क लेने को तैयार नहीं था जिससे संदीप के कारण उसके और अंजू के बीच के रिश्ते खराब हो जाए। अंजू की नाराजगी को पहले ही झेल चुके अभय के दिमाग में संदीप की बात जब समझ आने लगी तो अभय ने संदीप को समझाने का प्रयास किया। अभय ने संदीप से कहा कि नीता एक अच्छी लड़की है और ऐसे में तुम किसी दूसरे के बारे में नहीं सोंच सकते हो। वह तुम्हें लेकर काफी गंभीर है, तुम्हें प्यार भी करती है। अगर तुम उसे धोखा देने की बात सोंच रहे हो तो मैं तुम्हारे साथ नहीं हूं। ऐसे में मौके की नजाकत को भांपते हुए संदीप ने अभय को समझाया कि दोस्त ऐसा कुछ नहीं है मैं तो बस मजाक कर रहा था आखिर प्रिया तेरे रिश्ते से तो मेरी भी साली ही हुई, क्या मैं अपनी साली से मजाक भी नहीं कर सकता, या उसके बारे में कुछ बोल नहीं सकता और तुम्हें इतना बुरा नहीं लगना चाहिए। जिस पर अभय ने कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है मेरे दोस्त बस तुम्हारी और नीता के बीच इन दिनों जो भी चल रहा है वह उसे समझ नहीं पा रहा है। इस पर संदीप ने कहां की नीता से वह प्यार करता है पर प्यार के चक्कर में अपनी पढ़ाई को खराब नहीं करना चाह रहा। इसी कारण वह इन दिनों नीता से थोड़ा दूर है समय के साथ सब चीजें सही हो जाएंगी, अगर अभी ज्यादा ध्यान नीता पर दिया तो घर में समस्या हो सकती है। इस पर अभय ने सहमति जताई और कहा कि उसके और अंजू के बीच के रिश्ते अभी ही सुधरे हैं ऐसे में ऐसा कुछ भी नहीं करना जिससे रिश्ते दोबारा खराब हो जाएं। इस पर संदीप ने हामी भर दी और कहा कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करेगा जिससे तुम्हारे और अंजू के बीच का रिश्ता खराब हो और उसने फिर हंसते हुए कहा कि लेकिन इसके बावजूद अगर वह प्रिया को लेकर कोई मजाक करें तो अभय तुम इस बात का बुरा मत माना करो। यह बात अभय को खराब लगती है और वह कहता है कि हर बात में प्रिया को लाना ठीक नहीं है हम तुम अच्छे दोस्त हैं ऐसे में हम दोनों को एक दूसरे की भावनाओं को भी समझना चाहिए हालांकि करीब 3 दिन के सफर के बाद जब दोनों वापस अपने घर आते हैं तो संदीप अभय नीता और अंजू की मुलाकात एक साथ होती है।
हम आपको इसकी अगली कड़ी में बताएंगे कि क्या अंजू और अभय कि प्रेम कहानी शुरू होने के बाद संदीप की जिंदगी प्रीति आ पाएगी या नहीं.....।।