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दो दोस्तों का पहला प्यार

12 सितम्बर 2022

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जो कभी लड़ते नहीं थे हमेशा एक दूसरे का साथ देने की उनकी आदत उन दो दोस्तों को सबसे अलग बनाती थी ऐसा क्या था जो इन लोगों की जिंदगी में उठापटक लाने वाला था क्या इन लोगों के बीच भी एक लड़की के आने से लड़ाई होने वाली थी या फिर दोस्ती टूटने वाली थी। हम सब कुछ आज बताने जा रहे हैं क्योंकि इन दोनों दोस्तों के बारे में आपका अभी तक जो सोंचना है वह शायद गलत हो सकता है। दरअसल उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले लखीमपुर खीरी में रहने वाले यह दो दोस्त भले ही स्कूल में साथ ना पड़े हो, उम्र में भी थोड़ा बहुत अंतर जरूरत हो, पर दोनों ही मध्यम वर्गीय परिवार के लड़के थे ऐसे में आदतें भी लगभग एक जैसी थीं। सुबह चाय पी कर घर के बाहर निकल जाना और पापा के ऑफिस चले जाने के बाद ही घर आना क्योंकि दोनों ही अपने पिता की नजर में नालायक किस्म के थे। भले ही परिवार के और लोगों की सोंच इन लोगों से मिलती ना हो पर दोनों दोस्तों की सोच काफी मिलती-जुलती थी, जो शौक थे लगभग-लगभग एक जैसे, पर पूरा करने के लिए जितने पैसों की जरूरत थी वह एक के पास कभी नहीं निकलते थे। कई बार तो पुरानी बाइक में पांच-पांच रुपए मिलाकर पेट्रोल भरवाना पडता था और उसके बाद घूमते समय किलोमीटर का हिसाब रखना पड़ता है। क्योंकि यह कहानी आज से करीब दो दशक पहले की है। जवानी का जोर था तो आशिकी भी कम नहीं थी। लड़कियों के कॉलेज के बाहर बाइक से चक्कर लगाने में और स्टाइल मारने में दोनों कम नहीं थे हां गाड़ी में डलाए गए पेट्रोल का भी हिसाब रखना जरूरी होता था, कहीं ऐसी नौबत ना हो कि किसी लड़की को देखते समय ही गाड़ी हिचकोले खाने लगी हो। दोनों की रोजमर्रा की जिंदगी में यह आम बात थी सुबह टहलने निकलना, दोपहर में निकलना और शाम को फिर कुछ ऐसा ही रूटीन था। इन दोनों दोस्तों की जिंदगी में एक दिन ऐसा भी आया जब एक दोस्त ने अपनी रिश्तेदारी में एक बड़े भाई की शादी का जिक्र करते हुए एक लड़की की तारीफ करना शुरू किया लड़की कौन थी कैसी दिखती थी और उसने कैसे बात की, ऐसे तमाम जवाब और सवाल अपने दोस्त को बताने के लिए उसने बात शुरू की।जो कभी लड़ते नहीं थे हमेशा एक दूसरे का साथ देने की उनकी आदत उन दो दोस्तों को सबसे अलग बनाती थी ऐसा क्या था जो इन लोगों की जिंदगी में उठापटक लाने वाला था क्या इन लोगों के बीच भी एक लड़की के आने से लड़ाई होने वाली थी या फिर दोस्ती टूटने वाली थी। हम सब कुछ आज बताने जा रहे हैं क्योंकि इन दोनों दोस्तों के बारे में आपका अभी तक जो सोंचना है वह शायद गलत हो सकता है। दरअसल उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले लखीमपुर खीरी में रहने वाले यह दो दोस्त भले ही स्कूल में साथ ना पड़े हो, उम्र में भी थोड़ा बहुत अंतर जरूरत हो, पर दोनों ही मध्यम वर्गीय परिवार के लड़के थे ऐसे में आदतें भी लगभग एक जैसी थीं। सुबह चाय पी कर घर के बाहर निकल जाना और पापा के ऑफिस चले जाने के बाद ही घर आना क्योंकि दोनों ही अपने पिता की नजर में नालायक किस्म के थे। भले ही परिवार के और लोगों की सोंच इन लोगों से मिलती ना हो पर दोनों दोस्तों की सोच काफी मिलती-जुलती थी, जो शौक थे लगभग-लगभग एक जैसे, पर पूरा करने के लिए जितने पैसों की जरूरत थी वह एक के पास कभी नहीं निकलते थे। कई बार तो पुरानी बाइक में पांच-पांच रुपए मिलाकर पेट्रोल भरवाना पडता था और उसके बाद घूमते समय किलोमीटर का हिसाब रखना पड़ता है। क्योंकि यह कहानी आज से करीब दो दशक पहले की है। जवानी का जोर था तो आशिकी भी कम नहीं थी। लड़कियों के कॉलेज के बाहर बाइक से चक्कर लगाने में और स्टाइल मारने में दोनों कम नहीं थे हां गाड़ी में डलाए गए पेट्रोल का भी हिसाब रखना जरूरी होता था, कहीं ऐसी नौबत ना हो कि किसी लड़की को देखते समय ही गाड़ी हिचकोले खाने लगी हो। दोनों की रोजमर्रा की जिंदगी में यह आम बात थी सुबह टहलने निकलना, दोपहर में निकलना और शाम को फिर कुछ ऐसा ही रूटीन था। इन दोनों दोस्तों की जिंदगी में एक दिन ऐसा भी आया जब एक दोस्त ने अपनी रिश्तेदारी में एक बड़े भाई की शादी का जिक्र करते हुए एक लड़की की तारीफ करना शुरू किया लड़की कौन थी कैसी दिखती थी और उसने कैसे बात की, ऐसे तमाम जवाब और सवाल अपने दोस्त को बताने के लिए उसने बात शुरू की।

हम उन दोनों दोस्तों का एक काल्पनिक नाम आपको बताते हैं। पहले दोस्त का नाम अभय और दूसरे दोस्त का नाम संदीप था। हम बात कर रहे थे अभय की! अभय ने किस तरह अपनी एक रिश्तेदारी में बड़े भाई की शादी के दौरान उसकी जिंदगी में शामिल हुई एक लड़की का जिक्र अपने दोस्त संदीप से किया। तारीफ करनी शुरू की खूबसूरती बयां की आवाज की मिठास, आंखों की सुंदरता और होठों की लालिमा तक बता डाली। जिस पर संदीप ने मजे लेते हुए अभय से कहा कि दोस्त लग रहा है तुझे उससे प्यार हो गया है। बस फिर क्या था इतना सुनते ही अभय की आंखें चमक उठी और उसने संदीप से उसे पटाने के फार्मूले जानने की इच्छा जाहिर कर दी। 

 

दरअसल संदीप काफी आशिक मिजाज था उसके सभी दोस्त उसे आशिक की तरह ही देखते थे। आसपास से निकलने वाली हर लड़की को संदीप मोहब्बत की निगाह से देखता था। संदीप की जिंदगी में पहले से ही कई लड़कियां थीं। कई दोस्त के रुप में तो कई गर्लफ्रेंड के रूप में! ऐसे में अभय भी अपनी जिंदगी में एक गर्लफ्रेंड लाना चाहता था पर अभय को लड़कियों से बात करने में हिचकिचाहट होती थी। वह लड़कियों से बहुत शर्माता था, बात करना तो दूर की बात है अगर कोई लड़की टाइम भी पूछ लेती थी तो अभय को पसीने आ जाते थे।

हां एक बात जरूर थी अभय जब संदीप के साथ होता था तो वह भी किसी आशिक से कम नहीं होता था और उस समय उसमें लड़कियों को लेकर डर भी नहीं होता था, लेकिन यह भी संभव नहीं था कि उसकी मोहब्बत के बारे में बताने संदीप लड़की से मिलने जाए। अभय ऐसा इसलिए नहीं चाहता था क्योंकि उसके मन में डर था कि कहीं ऐसा ना हो कि जिस लड़की को मैं पसंद कर रहा हूं और उसे अपनी जिंदगी में लाना चाहता हूं संदीप से मिलवाने के बाद वह लड़की संदीप से नाता जोड़ ले। यह डर अभय को खाए जा रहा था। ऐसे में अभय जब भी संदीप से मिलता था तो बस उस लड़की की कुछ बातें बता कर उसे प्रपोज करने के बारे में पूंछता था। कुछ नए टिप्स लेता था और उन्हें अमल में लाने के तरीके निकालने लगता था। काफी समय तक ऐसा ही चलता रहा। अभय जिस लड़की को चाह रहा था उस लड़की को अभय की हरकतों से यह एहसास हो गया कि अभय उसे पसंद करता है परंतु वह लड़की थी तो खुद तो इस बात को नहीं कह सकती थी और उसे अभय की हिम्मत का भी पता चल चुका था। अभय जब भी उस लड़की से मिलता तो वह ऐसे तमाम इशारे भी करती थी जिससे अभय को यह पता चल सके कि वह भी उसे मन ही मन चाहती है। कई महीनों तक ऐसा ही चलता रहा। उस लड़की का नाम अंजू (काल्पनिक) नाम था। अंजू और अभय की मोहब्बत दिन पर दिन परवान चढ़ रही थी, पर दोनों ही इजहार करने में डर रहे थे। ऐसे में जब अभय और अंजू के बीच बातें होने लगती हैं तो उस दौरान संदीप की भी एंट्री इस लव स्टोरी में होती है।

क्योंकि अभय करीब-करीब संदीप को सभी बातें बता देता था। अब इस दौरान संदीप यह जान गया अभय के माध्यम से अंजू की किसी सहेली को अपना दोस्त बनाया जा सकता है। जिसके बाद संदीप ने अभय से अंजू से मिलने का रास्ता दिखाया और दोनों को एक जगह मिलवाने के लिए खुद भी काफी मेहनत की। दोनों पहली बार एक स्थानीय मंदिर में मिले कुछ बातें हुई और उसके बाद दोनों अपने-अपने घर चले गए। मुलाकात के समय दोनों काफी सहमे हुए थे दोनों ही ऐसा पहली बार कर रहे थे कि वह मां-बाप को बिना बताए किसी से मिल रहे थे तो ऐसे में दोनों के मन में डर होना भी लाजमी था।

इस मुलाकात के बाद दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला धीरे-धीरे बढ़ने लगा। अभय के दिल में अंजू से मिलने की इच्छा दिन पर दिन बढ़ने लगी। यही कारण था कि अभय को मजबूरन संदीप को इस कहानी से छोड़ना पड़ा, क्योंकि प्यार मोहब्बत के मामले में अभय काफी डरपोक था। अभय ने संदीप के साथ अब कभी अंजू के स्कूल के आसपास के चक्कर तो कभी उसके घर के आसपास के चक्कर लगाने शुरू कर दिए थे। यह प्यार मोहब्बत की कहानी अब काफी रफ्तार पकड़ चुकी थी दोनों के बीच फोन पर भी घंटों बातें होने लगी थी उस दौरान आज के समय की तरह मोबाइल फोन हर हाथ में नहीं था नहीं ऐसा सिस्टम था कि कोई कभी भी किसी से बात कर सके ऐसे में उन दिनों चलने वाले बेसिक फोन जिन्हें पीसीओ के माध्यम से इस्तेमाल किया जाता था पर निर्धारित समय कर दोनों एक दूसरे से मोहब्बत की बातें करने लगे।

 

अब दोनों के बीच काफी मुलाकाते हो चुकी थीं और काफी बातें भी हो चुकी थीं। ऐसे में संदीप के मन की इच्छा को भी अभय को अंजू से कहना था जो अभय के लिए लोहे के चने चबाने जैसा था। संदीप लगातार अभय पर इस बात को लेकर दबाव बना रहा था कि उसने अभय कि अभी तक बहुत मदद की है और ऐसे में अभय को अंजू से उसकी किसी सहेली को लेकर बात करनी पड़ेगी, जिसकी दोस्ती उसे संदीप से करानी होगी, जो अभय के लिए किसी चैलेंज से कम नहीं था। धीरे-धीरे संदीप का यह दबाव अब अभय पर बढ़ने लगा। अभय परेशान रहने लगा कि उसे क्या करना है। अगर वह इस तरह की कोई बात अंजू से करेगा तो कहीं अंजू अपनी जिंदगी से उसे ना निकाल दे और अगर वह संदीप को नाराज करता है तो आने वाले समय में संदीप उसकी कोई मदद नहीं करेगा। अभय अपनी दोस्ती को भी नहीं छोड़ना चाहता था और अपनी पहली मोहब्बत को भी नहीं इसी कशमकश के बीच अभय और अंजू की एक मुलाकात एक पार्क में होती है। जिसके बाद दोनों के बीच बहुत सी बातें होती हैं, पर उन बातों के बीच क्या संदीप की बातों को अभय अंजू से कह पाया! और अगर अभय ने अंजू से ऐसा कुछ कहा तो फिर अंजू का रिएक्शन अभय को लेकर कैसा रहा! हम उस बारे में आपको अगले चैप्टर में विस्तार से बताएंगे।

 

अभय और संदीप कि यह जुगलबंदी आगे बहुत से कमाल करने वालु हैं। इस कहानी के हर अंक में आपको बहुत अधिक मजा आने वाला है। दोनों दोस्तों की हरकतें इनकी जिंदगी में किस तरह से हलचल लाएंगी, वह सब आपको इस कहानी में पढ़ने को मिलेगा। 

 

हर चैप्टर की कहानी आपको रोमांचित करेगी। इस कहानी को पूरा पढ़ें। हमें लाइक करें, शेयर करें, कमेंट करें और ऐसी ही बेहतरीन कहानियों के लिए हमें फॉलो जरूर करें

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रचनाएँ
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