🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹
तेरे मोहब्बत ने भी क्या रंग दिखाई
थीं कहाँ मैं पहले अब मुझे कहाँ ले आयी
असर तो हुआ नहीं मेरी चाहत तेरे दिल पे
अपनी ज़ज़्बातो को सिर्फ इन पन्नो पर ही उतार पायी..!!
कोई चाहत न बचा दिल में किसी ख्वाहिश की
वीरान हुआ ज़िन्दगी मेरी अब जीने में रास नहीं आती
जो दर्द ही दर्द मिला करके एकरार मोहब्बत का मुझे
अपनी ज़ज़्बातो को सिर्फ इन पन्नो पर ही उतार पायी..!!
देखते है हर कोई मेरे हँसती चहरे को सभी
लेकिन मेरे दर्द की गहराई किसी को नज़र न आ पायी
कहाँ मिलते है ऐसे लोग जो समझे बिन काहे हाले दिल
अपनी ज़ज़्बातो को सिर्फ इन पन्नो पर ही उतार पायी..!!
होंगे कोई हमदर्द भी कही या एक जैसे है दुनिया में सभी
टुटा है विश्वास दिल से इस कदर की अब किसी पे यकीन होता नहीं
मिला है जख्म इतना मासूम दिल पे फिर भी कुछ न कह पायी
अपनी ज़ज़्बातो को सिर्फ इन पन्नो पर ही उतार पायी..!!
ज़िन्दगी में खुशी के बदले मिला है हमें तोहफा गम की
रोना बहुत चाही नैना पर हालात ऐसी हुई की रो भी न पायी
जब न मिला कोई भी सहारा दिल को दर्द बहलाने की
अपनी ज़ज़्बातो को सिर्फ इन पन्नो पर ही उतार पायी..!!
🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹
नैना....✍️