23 अक्टूबर 2022
✍✍✍✍✍✍✍✍ रहेगा न कोई तेरे वतन में जीएगा न कोई तेरे चमन में कैसा सुना शहर है जालिम अब तो दिया जला ध्यान का।🕯। बहुत दिन बीत गये सफर में रात दिन एक कर गए श्रम में निवाला तो एक कौर का