आरक्षण की अर्थी चढ़ गयी मेहनत , सपने जलकर राख हो गए ,
विरहन हो गयी लगन तपस्या , बुद्धि विवेक सब बाँझ हो गए .......
28 मई 2016
आरक्षण की अर्थी चढ़ गयी मेहनत , सपने जलकर राख हो गए ,
विरहन हो गयी लगन तपस्या , बुद्धि विवेक सब बाँझ हो गए .......
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मैं आलोक शुक्ल , सनातन वैदिक समाज , साहित्य , विज्ञानं को वर्तमान जीवनशैली , मानसिक विचारो ,आधुनिक विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी के परिप्रेक्ष्य में स्थापित करने में कार्यरत हूँ एवं वैदिक सनातन इतिहास के माध्यम से वर्तमान अनुसन्धान एवं युवा जागरूकता के कार्य में संलग्न हूँ. D