shabd-logo

तेरी यादो में कई सालो से सोया नहीं हूँ

28 मार्च 2017

188 बार देखा गया 188
featured image

तेरी यादो में कई सालो से सोया नहीं हूँ

कोई ऐसा पल नहीं जब रोया नहीं हूँ


क्यू धधकती हो आग सी इस डूबे सैलाब में

लौ सी जलती रहती हो इस बुझदिल इंसान में

क्यू बिताये थे संग जिंदगी के अनगिनत हिस्से

आज भी भौरे की तरह गूंजते है वो किस्से

कोई ऐसी रात नहीं जब उन किस्सो में खोया नहीं हूँ

तेरी यादो में कई सालो से सोया नहीं हूँ


अब जब साथ नहीं तुम, अकेला जागता हूँ

अकेले चलते जिंदगी के रास्ते हांफता हूँ

न मंज़िल की फ़िक्र है न कुछ पाने का इरादा

न कोई शिकवा, न उम्मीद है अब जिंदगी से ज्यादा

बैठा हूँ बारिश में पर भीगा नहीं हूँ

तेरी यादो में कई सालो से सोया नहीं हूँ

कोई ऐसा पल नहीं जब रोया नहीं हूँ //


-आलोक शुक्ल

ममता

ममता

बहुत भावुक हो गई पढ़कर

31 मार्च 2017

रेणु

रेणु

बहुत हृदयस्पर्शी रचना -- आलोक जी -- बधाई

30 मार्च 2017

1

वैदिक समय चक्र; वर्तमान परिप्रेक्ष्य

10 सितम्बर 2015
0
1
0

Vedic Timeseconds 1 Year=31536000s Years Vedic Time Scale1E+22 31536000 3.17098E+14 Cycle of Brahma1E+18 31536000 31709791984 1E+17 31536000 3170979198 3.17by 1day of Brahma=4.32by1.00E+15 31536000 31709791.98 1E+14 31536000 3170979.198 3.17my 1mahayuga=4.32my100000000 31536000 3.17097

2

आरक्षण की अर्थी चढ़ गयी मेहनत .....

28 मई 2016
0
0
0

आरक्षण  की  अर्थी चढ़ गयी मेहनत , सपने जलकर राख हो गए ,विरहन हो गयी लगन तपस्या , बुद्धि विवेक सब बाँझ हो गए .......

3

तेरी यादो में कई सालो से सोया नहीं हूँ

28 मार्च 2017
0
2
2

तेरी यादो में कई सालो से सोया नहीं हूँ कोई ऐसा पल नहीं जब रोया नहीं हूँ क्यू धधकती हो आग सी इस डूबे सैलाब में लौ सी जलती रहती हो इस बुझदिल इंसान में क्यू बिताये थे संग जिंदगी के अनगिनत हिस्से आज भी भौरे की तरह गूंजते है वो किस्से कोई ऐसी रात नहीं जब उन किस्सो में खोया

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए