सर्द हवाओं में इजहार दिल कर रहा फिर से..
वो पुरानी ख्वाहिशों में दिल मचल रहा फिर से..
क्यों मोहब्बत मासूम सी होती तुम्हारे संग..
क्यों सुकून मिले खामोशी में भी तुम्हारे संग..
फिजाओं में इश्क का रंग बिखर रहा फिर से..
वो पुरानी ख्वाहिशों में दिल मचल रहा फिर से..
इज़हार नामें पर दस्तखत तो पुराना है यारा..
मोहब्बत हुई तुमसे दिल तुमको चाहे दोबारा..
तुम्हें यकीन ना हो तो इजहार करें क्या फिर से..
वो पुरानी ख्वाहिशों में दिल मचल रहा फिर से..
कुछ कदम साथ दो जिंदगी फिर बन जाएगी
कोरे पन्नों पर उतरी तो.. शायरी बन जाएगी
शब्दों की गहराई में हम उतर जाएगें फिर से..
वो पुरानी ख्वाहिशों में दिल मचल रहा फिर से..
एक कदम तुम तो. एक कदम हम बढ़ाएंगे
खलीश की गिरफ्त से खुद आजाद कराएंगे
चलो,,,नए सफर का आगाज करते हैं फिर से
वो पुरानी ख्वाहिशों में दिल मचल रहा फिर से..
आओ मिलें फिर.. सागर में लहर की तरह..
कि मिलकर जगमगाए हम सितारों की तरह..
कि पतझड़ में महकता गुलाब खिला फिर से..
वो पुरानी ख्वाहिशों में दिल मचल रहा फिर से..
❣️🥀kanchan"savi"❣️🥀