निगाहों से उतरकर पूरी रूह में घूम लिया..!!
तुमने इस कदर छुआ...की रूह को चूम लिया..!!
अब क्या लबों से उन्हें प्यार भरा जाम दे..
हम सोचते रहे की..रिश्ते को क्या नाम दें..
इश्क की महफिल में तुमने हमें चुन लिया..
तुमने इस कदर छुआ...की रूह को चूम लिया..!!
की दिल ने दिल से तुम्हें स्वीकार किया..
तुम्हें गले लगाकर हमने भी इकरार किया..
जागती आंखों से कोई ख्वाब हमने बुन लिया..
तुमने इस कदर छुआ...की रूह को चूम लिया..!!
अब तुम ही बताओ तुम्हें क्या उपहार दें..
अपनी इबादत की हर दुआ तुम पर वार दे..
तुम आए जिंदगी में हर दुख से महरुम किया..
तुमने इस कदर छुआ...की रूह को चूम लिया..!!
तुमसे ऐसे जुड़े की जैसें हो गया गठबंधन..
बिंदिया नही माथे लगा तेरे नाम का चंदन..
जिस्म का मोह नहीं रूह तलक चूम लिया..
तुमने इस कदर छुआ...की रूह को चूम लिया..!!
मैं तुम्हारी हूं...तुझमें ही कही समा जाऊंगी..
तु सागर ठहरा..मैं सरिता सी मिलने आऊंगी..
मिलन की चाहत में रोम-रोम मेरा झूम लिया..
तुमने इस कदर छुआ...की रूह को चूम लिया..!!