प्यार की सही वो जीत है....बाहों में रहे मीत है..!!
इश्क में हर किसी को प्यार नहीं मिलता..
इजहर हो भी गया हो इकरार नहीं मिलता..
मोहब्बत की बरसों से यही चलती क्यों रीत है..
प्यार की सही वो जीत है... बाहों में रहे मीत है..!!
मंदिर की प्रार्थना हो या मस्जिद की हो कोई दुआ..
प्रेमी ने तो पिया मिलन को हर बार सजदा किया..
ऊपर गर बनें जोड़ी तो दर्द में क्यों होता अनित है..
प्यार की सही वो जीत है... बाहों में रहे मीत है..!!
टूटते हुए तारे से लोग दुआएं मांगते हैं
किसी के मिठनें पर क्यों उम्मीदों को टांगते हैं
सबकी किस्मत तो अपने कर्मों से ही अनुग्रहित है
प्यार की सही वो जीत है.... बाहों में रहे मीत है..!!
मध्यम मध्यम क्यों आवाज हवाऐं करने लगी..
दिल तुम्हारा धड़का रूह मेरी आहें भरने लगी..
फिजाओं में तेरे मेरे प्यार का गूंज रहा संगीत है..
प्यार की सही वो जीत है... बाहों में रहे मीत है..!!
!!...कंचन...!!